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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

1.5 लाख रुपये का जुर्माना, 2018 में रौनापार क्षेत्र में हुई थी घटना

आजमगढ़। नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा डेढ़ लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट रवीश कुमार अत्री की अदालत ने शुक्रवार को सुनाया। घटना वर्ष 218 में रौनापार थाना क्षेत्र में कारित हुई थी।

अभियोजन की कहानी के अनुसार आरोपी मोहन पुत्र मोतीचंद निवासी बिशनपुरा थाना नगरा जनपद बलिया की बहन की शादी रौनापार थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। मोहन घटना से लगभग एक वर्ष पूर्व से अपने बहन के घर पर ही रह रहा था। आरोपी मोहन ने 26 अगस्त 2018 को दिन में पीड़िता को बहला फुसला कर लखनऊ तथा बलिया ले गया। इस दौरान उसने 15 दिन तक पीड़िता के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इस मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा रौनापार थाना में एफआईआर दर्ज कराई गयी। पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद आरोपी मोहन के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अवधेश कुमार मिश्र ने पीड़िता समेत कुल पांच गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास तथा डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।