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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: श्रीराम जन्म होते ही मंगलगीतों से गूंजा अयोध्या, 28 को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन

ताडक़ा वध होते ही श्रीराम के जयकारे से गूंजा क्षेत्र


 



आजमगढ़। श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली के तत्वावधान में चल रही श्रीरामलीलाओं देखने वालों की भीड़ लग रही है। सोमवार की रात श्री बाबा बैजनाथ श्रीरामलीला मंडल (जनकपुर मिथिला धाम) बिहार के कलाकारों ने श्रीराम जन्म, गुरु विश्वामित्र आगमन और ताडक़ा वध की प्रस्तुति की गई। श्रीराम का जन्म होतेे ही लोग झूम उठे और महिलाओं ने मंगल गीत गाया। 

श्रीरामलीला मंचन के क्रम में राजा दशरथ विवाह के वर्षो बाद भी पुत्ररत्न की प्राप्ति न होने से काफी चिंतित थे। वे गुरु वशिष्ठ के आश्रम जाते हैं। गुुरु वशिष्ठ ने राजा दशरथ को अत्रि मुनि से मिलने की सलाह देते हैं। इसके बाद राजा दशरथ अत्रि मुनि के पास जाते हैं। अत्रिमुनि राजा दशरथ का पुत्रेष्ठ यज्ञ कराने की सलाह देते हैं। अत्रिमुनि की सलाह पर यज्ञ संपन्न होता है, यज्ञ से प्रसन्न होकर अग्रिदेव राजा को फल देते है। इसके बाद भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म होता है। श्रीराम का जन्म होते ही अध्योध्यावासी झूम उठे। महिलाओं ने सोहर गाकर मंगल के लिए कामना की। इसके बाद कलाकारों ने विश्वामित्र आगमन का मंचन किया गया। जिसमें विश्वामित्र यज्ञ रक्षा के लिए श्रीराम को मांगने राजा दशरथ के पास जाते हैं। राजा के कर्तव्य और पुत्र मोह के बीच एक अजीब द्वंद्व का मंचन कलाकारों ने बड़े ही मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। वशिष्ठ के कहने पर दशरथ पुत्र मोह त्याग कर श्रीराम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। विश्वामित्र के साथ जाते समय भगवान श्रीराम ताडक़ा का वध करते हैं। ताडक़ा का वध होते ही जय श्री राम के जयकारे से पंडाल गूंज उठा।

28 को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन

आजमगढ़। नगर के पुरानी कोतवाली में प्रतिवर्ष होने वाली ऐतिहासिक श्रीरामलीला के मंचन के क्रम में 28 सितंबर की शाम आठ बजे से श्री बाबा बैजनाथ श्रीरामलीला मंडल (जनकपुर मिथिला धाम) बिहार के कलाकार धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन करेंग। यह जानकारी श्रीरामलीला समिति के संयोजक विभाष सिन्हा ने दी। उन्होंने लोगों से समय से उपस्थित होने का आह्वान किया।