सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: भूत प्रेत के चक्कर में हुई गैर इरादतन हत्यारोपी को सात वर्ष कारावास, जुर्माना

आजमगढ़। गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा पन्द्रह हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई । यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-2 सौरभ सक्सेना की अदालत ने सोमवार को सुनाया।  मुकदमें के अनुसार वादी राधेश्याम पुत्र रामकरन निवासी पश्चिम पट्टी गौरी का पूरा ने थाना अहरौला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राधेश्याम के पिता रामकरन 28 दिसंबर 2003 के दिन में दस बजे अपनी पत्नी लख्खी के साथ खेत पर जा रहे थे। तभी आरोपी भगेलू पुत्र जैतू यादव तथा उनके दो नाबालिग लडकों से रामकरन की पत्नी लक्खी से भूत प्रेत की बात को लेकर झगड़ा हो गया। भगेलू तथा उनके लड़कों ने आरोप लगाया कि लक्खी और उनके पति रामकरन जादू टोना करते हैं। इसी कहासुनी में भगेलू तथा उनके दो नाबालिग लड़कों ने रामकरन को बुरी तरह से मारा पीटा। घायल रामकरन की 5 जनवरी 2004 को अस्पताल में मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। भगेलू के दोनों लड़कों को नाबालिग होने के कारण उनकी पत्रावली अलग कर दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता रामनाथ प्रजापति ने वादी राधेश्याम, लक्खी देवी, राम बहादुर यादव, डॉक्टर जीसी मौर्य, फार्मेसिस्ट राजेंद्र प्रसाद तथा उपनिरीक्षक बगेदू राम को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी भगेलू को सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा पन्द्रह हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।