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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

जौनपुर: मंदबुद्धि नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या आरोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड

जौनपुर। जिले में मंदबुद्धि नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा 17,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश काशी सिंह गुरुवार को सुनाया। घटना वर्ष 2013 की बताई जा रही है।

बता दें कि जौनपुर जिले के मछलीशहर थाना क्षेत्र में कटाहित नाले से 20 दिसंबर 2013 को नाबालिग लड़की का शव बरामद हुआ था। प्रथम दृष्टया यह माना गया कि जानवर से बचने के प्रयास में लड़की नाले में गिर गई होगी। इस मामले में ग्राम प्रधान की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो लड़की की पहचान लाइन बाजार थाना क्षेत्र की निवासी के रूप में हुई। साथ ही यह भी पता चला कि लड़की मंदबुद्धि थी और एक दिन पहले गायब हो गई थी। पीएम रिपोर्ट में पता चला कि लड़की से दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई है। इस मामले में जीप ड्राइवर और परिचालक का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। इस मामले में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेश उपाध्याय ने 11 गवाहों को कोर्ट में पेश किया। साथ ही एफएसएल रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि लड़की के साथ रेप किया गया था। रेप करने के बाद गला दबाकर लड़की की हत्या कर दी गई थी। आरोपी समर बहादुर और केसरी प्रसाद ने हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद ने सिंह ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व 17,500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।