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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: पूर्व विधायक अभयनारायण पटेल को आजीवन कारावास, जुर्माना भी

हत्या के 24 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

आजमगढ़। एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज ओम प्रकाश वर्मा तृतीय ने हत्या के 24 साल पुराने मुकदमें में सुनवाई पूरी करने के बाद पूर्व विधायक अभय नारायण पटेल सहित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न जमा करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतानी पड़ सकती है। 
अभियोजन कहानी के अनुसार रामनयन सिंह पुत्र रामबहोर सिंह निवासी उर्दिहा नई बस्ती कोलवा थाना रौनापार के भाई संतराज को कोटे की दुकान आवंटित हुई थी। इससे पहले यह कोटा अभय नरायन पटेल को आवंटित थी। इस बात से गांव के अभय नारायण सिंह पुत्र दिलीप सिंह रंजिश रखते थे। इस मामले को लेकर 22 अक्टूबर 1998 की शाम करीब 7 बजे जब संतराज चांदपट्टी से घर आते समय रास्ते में अभय नारायण सिंह पुत्र दिलीप सिंह, लाल बिहारी सिंह तथा लाल बहादुर सिंह पुत्रगण कोदई सिंह, हरेंद्र पुत्र लालू ने संतराज को रोक लिया और संतराज को गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अभय नरायन पटेल का नाम निकालते हुए तीन आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। दौरान मुकदमा वादी राम नयन के बयान पर अदालत ने 2001 में अभय नारायण सिंह पटेल को बतौर आरोपी न्यायालय में तलब किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने वादी मुकदमा समेत पांच गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अभय नारायण सिंह पटेल, लाल बहादुर, लाल बिहारी तथा हरेंद्र को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को बीस हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।