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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को दस साल कैद तथा 25 हजार रुपये अर्थदंड

वर्ष 2017 में 11 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ हुआ था दुष्कर्म

आजमगढ़। वर्ष 2017 में 11 साल की नाबालिग छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालन ने आरोपी को आरोपी को दस वर्ष के कारावास तथा पच्चीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट नंबर-2 जितेंद्र यादव ने शुक्रवार को सुनाया।

मुकदमें के अनुसार रौनापार थाना क्षेत्र के एक गांव में 2 जुलाई 2017 की सुबह लगभग नौ बजे पीड़िता घर में अकेली थी। पीड़िता की माता बकरी चराने के लिए घर से बाहर गई थी। पीड़िता को अकेला देखकर गांव का ही एक किशोर पीड़िता के घर में घुस गया और उसके साथ जबरदस्ती दुराचार किया। इस मामले में पीड़िता की माता द्वारा रौनापार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद बाल अपचारी नाबालिग किशोर के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने पीड़िता तथा उसकी माता और भाई समेत कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी बाल अपचारी को दस साल के कारावास तथा पच्चीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।