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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

पूर्वांचल प्रदेश डेस्कः मंकीपॉक्स को लेकर यूपी में सतर्कता

स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा है गाइडलाइन

अमेरिका सहित कई देशों में मंकीपॉक्स की बीमारी को लेकर प्रदेश में भी विशेष सावधानी बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गाइडलाइन तैयार कर रहा है। बुधवार शाम तक इसे जारी किया जा सकता है।

दुनियाभर में इसके मरीजों की संख्या करीब 100 तक पहुंचने के बाद डब्ल्यूएचओ की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। राज्य सर्विलांस अधिकारी डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि केंद्र के सावधानी बरतने के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय गाइडलाइन तैयार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था की जा रही है। यहां से सैंपल एनआईवी पुणे भेजे जाएंगे। जहां भी चिकनपॉक्स के मरीज मिलेंगे, उनकी निगरानी की जाएगी। यदि पीड़ित उन देशों से लौटा है, जहां मंकीपॉक्स फैला हुआ है तो उसे अलग वार्ड में भर्ती कर लिया जाएगा। मंकीपॉक्स फैलने वाले देश से आए व्यक्ति के संपर्क में आने वाले में लक्षण मिलते हैं तो उसकी भी जांच कराई जाएगी। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम को भी इस बीमारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।