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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

अब आजमगढ़ के यदुवंशियों पर है भाजपा की नजर



सूरज जायसवाल

आजमगढ़। सभी जातिगत आंकड़ा दुरूस्त करने के बाद अब आजमगढ़ के यदुवंशियों पर भाजपा अपनी नजर गड़ाये हुए है। सब मिलाकर भाजपा की इस बार की तैयारी यहां के अभेद्य समाजवादी किले को पूरी तरह से ध्वस्त करने की है। साईकिल को इस बार पूरी तरह से पंचर कर देने के लिए ही भाजपा ने इस बार स्थानीय यदुवंशी नेताओं को पार्टी में शामिल कराया है। इन नेताओ के बलबूते बीजेपी इनके स्वजातियों पर डोरे डाल रही है। आजमगढ़ के भाजपा प्रत्याशी एवं मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के लिए इन्हें सक्रिय भी किया गया है। उपचुनाव मे निरहुआ की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक स्वजातीय नेता को साईकिल से उतार कर उसे निरहुआ के मंच पर चढ़ाया गया था। इस प्रयोग से भाजपा को यहां सफलता मिल गई। इसीलिए ही पार्टी और भी यदुवंशी नेताओं की तलाश में है। निजामाबाद से बसपा प्रत्याशी रहे डा0 पीयूष सिंह यादव को लखनऊ में बुलाकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उनको पार्टी मे शामिल कराया। आजमगढ में कई बड़ी स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य शिक्षा की संस्थाओ का संचालन कर रहे डा0 पीयूष का कद इसी से बढ़़ा है। इसीलिए ही पार्टी उन पर भी भरोसा कर रही है। आजमगढ लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले मुबारकपुर विस क्षेत्र के सपा विधायक एवं जिलाध्यक्ष रहे रामदर्शन यादव को उपचुनाव से ही भाजपा ने अपने पाले कर लिया है। बसपा के एमएलसी रहे कैलाश यादव के साथ गोपालपुर के पूर्व प्रत्याशी रमेश यादव भी भाजपा का दामन थाम चुके है। ब्लाक प्रमुख बलवंत यादव ने भी भगवा झंडा उठा लिया है। 2014 से ही पीएम मोदी आजमगढ पर अपनी नजर गड़ाये हुए हैं। मोदी लहर के बाद भी समाजवादियों ने यहां कमल खिलने नहीं दिया। पूर्वांचल के सभी 26 सीटों में से भाजपा को सिर्फ इसी सीट से हार का सामना करना पड़़ा। तब मुलायम सिंह ने भाजपा के रमाकांत यादव को हराया था। सपा-बसपा गठबंधन के चलते पिछले चुनाव मे आजमगढ के साथ भाजपा को पूर्वांचल की 5 और सीटों पर हार झेलनी पड़ी थी। यह अलग बात है कि बाद में जब यहां से लोकसभा का चुनाव जीते सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने और उन्होंने लोकसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तो उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बार मोदी 400 पार करने के लिए पूरे पूर्वांचल की सभी 26 सीटों पर जोर लगाये हुए हैं। इसीलिए ही वह समाजवादियों के गढ़ आजमगढ़ में भी भगवा लहराना चाहते है। हवाई उडान के साथ विश्वविद्यालय की सौगात देकर मोदी आजमगढ के यदुवंशियों का दिल जीतने के लिए वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा0 मोहन यादव को भी यहां भेज चुके हैं। फिलहाल आजमगढ़ के यादवों को लुभाने का भाजपा का हथकण्डा कितना सफल हो पाता है, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।