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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

भारत पैरामेडिकल कालेज में डीएमएलटी की परीक्षा संपन्न

सीसी टीवी कैमरे की नजर में कड़ी सुरक्षा के बीच 44 ने दी परीक्षा 

आजमगढ़। ठेकमा स्थित भारत पैरामेडिकल कॉलेज में बृहस्पतिवार को डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन एसोसिएट राष्ट्रीय स्तर पर एकाडमी बोर्ड यमएलटा द्वारा फस्ट ईयर (डीएमएलटी) की परीक्षा सीसी टीवी कैमरे की नजर में कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई। परीक्षा में कुल 49 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हुआ था। जिसमें से 44 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। 


डीएमएलटी की परीक्षा परीक्षक बीएचयू के पैथोलाजिस्ट पंकज कुमार श्रीवास्तव और सेवानिवृत्त पैथोलाजिस्ट डा. पवन पांडे की देखरेख में संपन्न कराया गया। विद्यालय के प्रबंधक डा. मधुनाथ प्रजापति ने बताया कि भारत पैरा मेडिकल कॉलेज से अब तक निकलने छात्र-छात्राएं स्वरोजगार से लेकर कई अस्पतालों में काम कर रहे हैं साथ ही स्वरोजगार कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज में नियमित रूप से कक्षाओं में आधुनिक मशीनों द्वारा छात्र-छा़त्राओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन कोर्स की अवधि दो वर्ष है। डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन के कर्तव्यों में रक्त और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के नमूने एकत्र करना, संग्रहीत करना और संरक्षित करना, शारीरिक तरल पदार्थों का विष्लेषण और जांच करना, मूत्र में रसायनों का निर्धारण करना और उनके स्तरों की जांच करना शामिल है। इसमें शरीर के द्रव्य जैसे द्रव, ऊतक और रक्त का विश्लेषण शामिल है। इसमें सूक्ष्मजीव स्क्रीनिंग, रासायनिक विश्लेषण और कोशिका गणना भी शामिल है। ये पेशेवर, मेडिकल लैब तकनीशियन और प्रौद्योगिकीविद् सूचना एकत्र करने, नमूना लेने, परीक्षण करने, रिपोर्टिंग करने और चिकित्सा जांच का दस्तावेजीकरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।