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खास खबर

मुंबई और गांव में जमीन को लेकर मारी गोली, घायल, गंभीर

नमाज पढ़ने के जाने के दौरान पट्टीदारों ने सरफराज को मारी गोली अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर आजमगढ़। जीयनपुर कोतवाली के धौरहरा में सोमवार को फज्र की नमाज पढ़ने जा रहे सरफराज 55 पुत्र हुसैन को जमीन विवाद में पट्टीदार ने गोली मार दी। गोली लगने से सरफराज घायल हो गया, परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश में जुटी है।  जानकारी के अनुसार धौरहरा में सोमवार की भोर में सरफराज 55 पुत्र हुसैन नमाज पढ़ने जा रहा था। इस बीच उसके पट्टीदार अनीश पुत्र सगीर ने गोली मार दी। गोली सरफराज के कूल्हे में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। स्वजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने सरफराज की तहरीर पर अनीश के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोतवाल जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस के अनुसार, दोनों पटीदारों के बीच मुंबई और गांव में पुश्तैनी जम...

हीरा पर तीन और शिक्षा पर 18 प्रतिशत टैक्स बर्दाश्त नहीं

पीएम और सीएम को अभिभावक महासंघ ने भेजा ज्ञापन

आजमगढ़। ’’हीरा पर तीन और शिक्षा पर 18 प्रतिशत का टैक्स के विरोध में बुधवार को उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। महासंघ ने इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाते हुए पढेगा इंडिया बढ़ेगा इंडिया, सर्वशिक्षा अभियान जैसे योजनाओं को साकार करने की मांग की। 


प्रदेश महासचिव गोविन्द दुबे ने कहा कि देश के नागरिकों को साक्षर बनाकर ही हम श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते है। संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों में शिक्षा प्रमुखता से शामिल है, इसके बावजूद शिक्षा को 18 प्रतिशत के जीएसटी श्रेणी में शामिल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि इसी देश में हीरा, सोना चांदी आदि के खरीद पर मात्र 3 प्रतिशत का जीएसटी कर निर्धारण है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि शिक्षा पर नाम मात्र जीएसटी लगाकर देश के सभी बच्चों को शिक्षित हीरा बनाने के लिए व्यापक कदम उठाया जाए। जिलाध्यक्ष सत्या सिंह परिहार ने कहा कि देश या प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को हीरा ज्वैलरी से भी कम जीएसटी के श्रेणी में शामिल किया जाए, ताकि अभिभावकों के आर्थिक बोझ को कम किया जा सकें। एक साक्षर युवा पढ़-लिखकर निकलेगा तो देश की तस्वीर भी बदलेगा और देश की सरकार को हर रूप में कर (टैक्स) प्रदान करेगा ही करेगा लेकिन सरकार युवाओं और उनके अभिभावकों को बढ़ती शिक्षा के बोझ तले दबाकर श्रेष्ठ भारत के निर्माण में स्वयं ही कोताही बरत रही है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अरूण चौरसिया ने कहा कि शिक्षा के फीस, और उसकी सामग्रियों से जुड़े प्रत्येक वस्तुओं पर कम से कम जीएसटी का निर्धारण किया जाए। एक तरफ परिषदीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दी जा रही। वहीं शिक्षा से जुड़े सामाग्रियों का टैक्स आसमान छू रहा है, जिस पर विचार करते हुए शिक्षा और शिक्षण सामाग्री को सस्ता किया जाए।  ज्ञापन सौंपने के दौरान अरूण चौरसिया, डीएन सिंह, अरूण पाठक, जगपाल चौरसिया, संजय वर्मा, आशा वर्मा आलोक पाठक, भानु प्रताप सिंह, जितेंद्र प्रताप सिंह, धीरज चौरसिया आदि मौजूद रहे।