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खास खबर

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता यात्रा निकाली गई

हा​थों में तिरंगा लेकर आमजन हुए शामिल लगाए भारत माता की जय के नारे आजमगढ़। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत सदर विधानसभा क्षेत्र में एकता यात्रा निकाली गई। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्रा गुड्डू के नेतृत्व में यह पदयात्रा एसकेपी इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर पहाड़पुर, तकिया, चौक, अग्रसेन चौराहा, कलेक्ट्रेट चौराहा होते हुए अम्बेडकर पार्क पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, छात्र और आमजन हाथों में तिरंगा लिए शामिल हुए। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर लोगों द्वारा पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह तथा मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री संजय राय उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि संजय राय ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्टूबर को पूर्ण हुई है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने कांग्रेस के सदस्य के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। आजादी के बाद देश 562 रियासतों में...

हीरा पर तीन और शिक्षा पर 18 प्रतिशत टैक्स बर्दाश्त नहीं

पीएम और सीएम को अभिभावक महासंघ ने भेजा ज्ञापन

आजमगढ़। ’’हीरा पर तीन और शिक्षा पर 18 प्रतिशत का टैक्स के विरोध में बुधवार को उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। महासंघ ने इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाते हुए पढेगा इंडिया बढ़ेगा इंडिया, सर्वशिक्षा अभियान जैसे योजनाओं को साकार करने की मांग की। 


प्रदेश महासचिव गोविन्द दुबे ने कहा कि देश के नागरिकों को साक्षर बनाकर ही हम श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते है। संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों में शिक्षा प्रमुखता से शामिल है, इसके बावजूद शिक्षा को 18 प्रतिशत के जीएसटी श्रेणी में शामिल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि इसी देश में हीरा, सोना चांदी आदि के खरीद पर मात्र 3 प्रतिशत का जीएसटी कर निर्धारण है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि शिक्षा पर नाम मात्र जीएसटी लगाकर देश के सभी बच्चों को शिक्षित हीरा बनाने के लिए व्यापक कदम उठाया जाए। जिलाध्यक्ष सत्या सिंह परिहार ने कहा कि देश या प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को हीरा ज्वैलरी से भी कम जीएसटी के श्रेणी में शामिल किया जाए, ताकि अभिभावकों के आर्थिक बोझ को कम किया जा सकें। एक साक्षर युवा पढ़-लिखकर निकलेगा तो देश की तस्वीर भी बदलेगा और देश की सरकार को हर रूप में कर (टैक्स) प्रदान करेगा ही करेगा लेकिन सरकार युवाओं और उनके अभिभावकों को बढ़ती शिक्षा के बोझ तले दबाकर श्रेष्ठ भारत के निर्माण में स्वयं ही कोताही बरत रही है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अरूण चौरसिया ने कहा कि शिक्षा के फीस, और उसकी सामग्रियों से जुड़े प्रत्येक वस्तुओं पर कम से कम जीएसटी का निर्धारण किया जाए। एक तरफ परिषदीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दी जा रही। वहीं शिक्षा से जुड़े सामाग्रियों का टैक्स आसमान छू रहा है, जिस पर विचार करते हुए शिक्षा और शिक्षण सामाग्री को सस्ता किया जाए।  ज्ञापन सौंपने के दौरान अरूण चौरसिया, डीएन सिंह, अरूण पाठक, जगपाल चौरसिया, संजय वर्मा, आशा वर्मा आलोक पाठक, भानु प्रताप सिंह, जितेंद्र प्रताप सिंह, धीरज चौरसिया आदि मौजूद रहे। 

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