खास खबर
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
श्रीराम राज्याभिषेक पर जय सियाराम के जयकारे से गूंजी अवंतिकापुरी
कलाकारों के सम्मान के साथ ही श्रीरामलीला मंचन को दिया विश्राम
लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, कुंभकरण वध के बाद रावण वध तक की लीला में लोग तरह-तरह की संवेदनाओं और भावनाओं में डूबते उतराते रहे। मंचन मे लीला में अंत में कुंभकरण मारा जाता है। इसके बाद लक्ष्मण जोरदार आवाज में मेघनाथ को ललकारते हैं। दोनों में युद्ध होता है। लखन लाल मेघनाथ का भी वध कर देते हैं। उसके बाद राम और रावण के बीच लंबा युद्ध चलता है। इसी बीच विभीषण ने बताया कि रावण की नाभि में अमृत है, उसे भेदकर ही रावण की मृत्यु संभव है। इसके बाद राम बाण चलाकर रावण की नाभि में पड़े अमृत को सूखा देते हैं। रावण के गिरते ही दर्शक जय श्रीराम के गगन भेदी नारे लगाने लगते हैं। भगवान श्री राम माता जानकी को लेकर वापस अयोध्या आते हैं। राम और भरत का मिलन होता है और इसके बाद राम राज्याभिषेक को वैदिक मंत्रोच्चार, पुष्प वर्षा व स्वस्ति वाचन के साथ परंपरागत ढंग से संपन्न कराया जाता है। कार्यक्रम के अंत में आयोजक अवंतिका सामाजिक सेवा समिति ने कलाकारों, दानदाताओं, व्यवस्था प्रमुखों, कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। साथ ही सभी को धन्यवाद देकर कार्यक्रम के विश्राम की घोषणा किया। इस अवसर पर अवंतिका सामाजिक सेवा समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों में अरविंद यादव, अरुण कुमार विश्वकर्मा, डॉ. यशपाल सिंह, सर्वेश कुमार, मुखराम गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
सर्वाधिक पढ़ीं गईं
Azamgarh: पूर्व ब्लाक प्रमुख सहित सात कालेजों के मैनेजर शिक्षा माफिया घोषित
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
प्राथमिक विद्यालय करनेहुआ में अटेवा मेहनगर इकाई की बैठक
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप