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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

अभिभावक महासंघ का आरोप, चिल्ड्रेन गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल प्रबंधन को बचा रहा प्रशासन

सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, जिले के अन्य स्कूलों के मानक की भी जांच कराने की मांग

मांग पूरी न होने पर स्वयं जांचकर शासन को रिपोर्ट भेजने की चेतावनी


आजमगढ़।
जांच में बगैर मान्यता प्राप्त मिले हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर शुक्रवार को उप्र अभिभावक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला। सीएम को संबोधित एक पत्र सौंपा और महासंघ ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पर दोषी को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने जिले के अन्य स्कूलों के भी मानक की जांच कराने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो महासंघ स्वयं अपने स्तर से जांच कराकर रिपोर्ट शासन तक भेजेगा। 

 महासंघ के जिलाध्यक्ष सत्या सिंह परिहार ने कहा कि शिक्षा विभाग की जांच में हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल में बगैर मान्यता के ही नौ से इंटर तक की कक्षाएं संचालित करने का दोषी पाया गया है। इस कृत्य के उजागर होने से जहां अभिभावकों को गहरा आघात पहुंचा है। वहीं एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान होने के बावजूद उसने स्वयं को ही कलंकित करने का कार्य किया है। अभिभावकों ने अपने बच्चे को शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय में अध्ययनरत रखने के लिए बहुत सी कुर्बानियां दी है तब जाकर फीस आदि का प्रबंध किया होगा लेकिन विद्यालय प्रशासन ने बिना किसी भय के ही बगैर मान्यता के ही कक्षाएं संचालित कर शिक्षा विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई और आज भी पूरे विभाग और जिला प्रशासन को अपने प्रभाव के आगे नतमस्तक किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में होने वाली उच्चस्तरीय परीक्षाओं के आयोजन में जब इंटर तक के स्कूलों का केंद्र बनाया गया है। तो उसमें भी चिल्ड्रेन गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल हरबंशपुर आजमगढ़ को केंद्र बनाकर शासन की आंखों में धूल झांेंका गया और बड़े पैमाने पर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के साथ धन का बंदरबांट किया गया, जिसकी रिकवरी होनी चाहिए। विद्यालय प्रबंधन के रसूख के आगे जिला प्रशासन पस्त है।

महासंघ ने सीएम को भेजे पत्रक में कहा कि दोषी संबंधित उच्चाधिकारी और कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही हों। जिला सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि जांच में पूर्णरूपेण दोषी पाए जाने वाले जिस विद्यालय के खिलाफ 419, 420, 467, 668, 471 भादवि की धारा में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी, उसके खिलाफ ’कारण बताओ नोटिस’ जारी करके जिला प्रशासन बड़े स्तर पर धनउगाही करने की साजिश रच रहा है। दोष पुष्ट होने पर अपराधी संस्थान पर विधिक कार्यवाही की जाए न कि उसे बचाकर शिक्षा का स्तर खराब किया जाए। सीएम को पत्रक भेजकर महासभा ने गैर जिम्मेदारों के खिलाफ संघर्ष का एलान कर दिया है जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे और आजमगढ़ में शिक्षा का स्तर गिरने नहीं दिया जाएगा। इस अवसर पर डीएन सिंह, ज्योति प्रकाश श्रीवास्तव एडवोकेट, अनिल वर्मा,  रवि प्रताप सिंह, अनिल तिवारी, सुजीत कुमार मिश्रा, अरूण चौरसिया, रेनू देवी, जगपाल चौरसिया, सर्वेश पांडेय, आदि मौजूद रहे।