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महाकवि पं. रामचरित उपाध्याय की 151वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
द्विवेदी युग के साहित्यकारों में पं. रामचरित का है विशिष्ट स्थानः प्रो. प्रभुनाथ मयंक
प्रो. प्रभुनाथ सिंह मयंक ने कहा कि रामचरित उपाध्याय बहुमुखी साहित्यसेवा के कारण द्विवेदी युग के साहित्यकारों में इनका विशिष्ट स्थान है। आप व्यक्तित्व संस्कृत के अच्छे ज्ञाता थे। रामचरित उपाध्याय हिंदी काव्यधारा के यशस्वी कवि के रूप में चर्चित रहे हैं आपका साहित्य स्वाधीनता आंदोलन में आंदोलनकारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहा है। आज भी आपकी कविताएं देश प्रेम के भावजागृत करने का कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल आर्मी पब्लिक स्कूल देहरादुन हरिहर पाठक और संचालन प्रो. जगदंबा दूबे ने किया। कार्यक्रम को प्रो. शशिभुषण श्रीवास्तव, डा. ईश्वरचंद्र त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया। डा. अमरेश पाठक, असिस्टेंट प्रोफेसर पीजी कॉलेज बरदह ने सभी का आभार प्रकट किया। इस मौके पर वरूण उपाध्याय, नरेंद्र मोहन उपाध्याय, रतन मोहन उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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