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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

महाकवि पं. रामचरित उपाध्याय की 151वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि

द्विवेदी युग के साहित्यकारों में पं. रामचरित का है विशिष्ट स्थानः प्रो. प्रभुनाथ मयंक


रानी की सराय।
महराजपुर में रविवार को महाकवि पं. रामचरित उपाध्याय की 151वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरूआत एसडीएम सदर ज्ञानचंद गुप्ता और मुख्य वक्ता प्रो. प्रभुनाथ सिंह ‘मयंक’ ने रामचरित उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। 


प्रो. प्रभुनाथ सिंह मयंक ने कहा कि रामचरित उपाध्याय बहुमुखी साहित्यसेवा के कारण द्विवेदी युग के साहित्यकारों में इनका विशिष्ट स्थान है। आप व्यक्तित्व संस्कृत के अच्छे ज्ञाता थे। रामचरित उपाध्याय हिंदी काव्यधारा के यशस्वी कवि के रूप में चर्चित रहे हैं आपका साहित्य स्वाधीनता आंदोलन में आंदोलनकारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहा है। आज भी आपकी कविताएं देश प्रेम के भावजागृत करने का कार्य कर रही हैं। 


कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल आर्मी पब्लिक स्कूल देहरादुन हरिहर पाठक और संचालन प्रो. जगदंबा दूबे ने किया। कार्यक्रम को प्रो. शशिभुषण श्रीवास्तव, डा. ईश्वरचंद्र त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया। डा. अमरेश पाठक, असिस्टेंट प्रोफेसर पीजी कॉलेज बरदह ने सभी का आभार प्रकट किया। इस मौके पर वरूण उपाध्याय, नरेंद्र मोहन उपाध्याय, रतन मोहन उपाध्याय आदि मौजूद रहे।