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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में पेंटिंग, निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

भारत पैरा मेडिकल कालेज के 33 बच्चों ने किया प्रतिभाग

लेखन में मोनिका को मिला पहला स्थान, विजेता हुए सम्मानित



ठेकमा। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एटीईपी) के अंतर्गत गुरूवार को ठेकमा स्थित भारत पैरा मेडिकल कालेज में जन-भागीदारी अभियान के तहत विविध कार्यक्रम हुए। इस दौरान मेडिकल के छात्र-छात्राओं के बीच पेंटिंग, निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराई गई। प्रतियोगिता में कुल 33 बच्चों ने प्रतिभाग किया। परिणाम घोषणा के बाद विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कार वितरण के दौरान टीबी विभाग के वरिष्ठ पर्यवेक्षक धर्मेंद्र ने सभी को निःक्षय मित्र बनने का आह्वान किया। वरिष्ठ पर्यवेक्षक धर्मेंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। टीबी से ग्रसित लोगों को पहचानने ढूंढने के लिए तथा उनके अंदर एक सकारात्मक विचार लाने के साथ ही समाज में लोगों को रोगियों के प्रति सकारात्मक विचार रखने और उन्हें सहयोग देने के लिए लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी, थूक में खून का आना, बुखार आना, भूख न लगना, सीने में दर्द, थकान का अनुभव आदि है। टीबी से बचने के उपाए बच्चों को बीसीजी वैक्सीन लगवाएं, टीबी रोगी के पास मास्क और चेहरे को ढ़क कर रहें, टीबी के रोगी का ध्यान रखा जाए कि उसको सांस लेने में दिक्कत ना हो, टीबी के लिए डॉक्टर से संपर्क में रहें। वहीं प्रतियोगिता के क्रम में लेखन में मोनिका राव ने प्रथम, खुशहाली विश्वकर्मा ने दूसरा और नेहा विश्वकर्मा को तीसरा स्थान मिला। विजेताओं सहित दस लोगों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर जैनेंद्र मिश्रा और प्रबंधक डा. मधुनाथ प्रजापति ने सभी विजेताओं को बधाई दी।