सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

सड़कों पर नहीं हैं गड्ढ़े का देना होगा प्रमाण-पत्र, यू-ट्यूब पर डालनी होगी जानकारी

प्रतिकात्मक फोटो
लखनऊ। शहरों की सड़कों को गड्ढामुक्त करने में फर्जीवाड़ा अब नहीं चलेगा। इसके लिए शासन ने निकाय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है। निकाय क्षेत्र में गड्ढामुक्त हो चुकी सड़कों को लेकर नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को अपने हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र जारी कर इसे नगर विकास विभाग की वेबसाइट और यू ट्यूब पर अपलोड़ करना होगा। 

 बताते चलें कि सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के नाम पर खेल होने की शिकायतें शासन तक पहुंच रही थी। जांच हुई तो मिला कि अधिकारी बिना देखे कागजों में सड़कों के गड्ढामुक्त होने की रिपोर्ट शासन को भेज देते थे। लेकिन मौके पर सड़क की ‌‌स्थिति जस की तस रहती थी। पिछले दिनों सीएम की समीक्षा बैठक में भी इस मामले को उठाया गया, जिस पर सीएम ने ने गड्ढामुक्त की कार्यवाही को पारदर्शी बनाने के साथ ही अधिकारियों की भी जिम्मेदार तय कर दी है। इसके बाद से स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी नगर निकायों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया  है कि बारिश के बाद गड्ढामुक्त की जाने वाली नगर निकायों की सड़कों के संबंध प्रमाण पत्र जारी किया जाए। साथ ही सभी नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को गड्ढ़ामुक्त करने की कार्यवाही की सतत निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए हैं ।

अभियान खत्म होने पर देना होगा प्रमाण-पत्र

नई व्यवस्था के मुताबिक बारिश समाप्त होने के तत्काल बाद शहरी क्षेत्र में स्थित सभी सड़कों को गड्ढामुक्त अभियान शुरू कर दिया जाएगा और अभियान समाप्त होने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं हैं। अभियान खत्म होने के बाद आधिकारियों की कमेटी बनाकर कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा और साक्ष्य के रूप में विभाग के यूट्यूब लिंक पर इसको अपलोड किया जाएगा । साथ ही, सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं रह गया है, इस आशय प्रमाण पत्र भी ईमेल से शासन और स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजना होगा। जिसपर खुद नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारी को हस्ताक्षर करना होगा ।

प्रमाण-पत्र में देना होगा पूरा ब्योरा

अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र में गड्ढामुक्त हो चुकी सड़कों से संबंधित पूरा ब्योरा भी देना होगा । इसके लिए स्थानीय निकाय निदेशालय द्वारा तैयार प्रारूप पर पूरी जानकारी भरनी होगी । प्रमाण पत्र में नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी को बताना होगा कि उनके नगर निकाय में कुल कितनी रोड हैं और उनकी लंबाई क्या है। कितनी रोड्स का पैच वर्क कराया गया है। साथ ही यह भी घोषित करना होगा कि निर्धारित तिथि के बाद उनके नगर निकाय में कोई भी रोड गड्ढा मुक्त करने के लिए शेष नहीं बची हैं