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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

चंद्रमा ऋषि आश्रम के परशुराम मंदिर में धूमधाम से मनी जयंती

जय परशुराम के जयकारों से गूंज उठा मंदिर   

आजमगढ़। भगवान विष्णु के छठे अवतार, शस्त्र और शास्त्र के पारंगत, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर भगवान परशुराम की जयंती आजमगढ़ ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में जनपद के विभिन्न ब्राह्मण संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से चंद्रमा ऋषि आश्रम के परशुराम मंदिर में मनाई गई। मंदिर में स्थापित भगवान परशुराम की प्रतिमा का वैदिक रीति से पूजन कर एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्र सहित उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण किया।

 अखिल भारतवर्षीय ब्राम्हण सभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पंडित सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन और ब्राह्मण कल्याण परिषद के अध्यक्ष पं. ब्रजेश नंदन पाण्डेय ने कहा कि  भगवान विष्णु के आवेशावतार, न्याय के देवता भगवान परशुराम के जीवन से हमें अन्याय का प्रतिकार करने की सीख मिलती है! भगवान शिव के अनन्य भक्त परशुराम जी तप, बल और ज्ञान के त्रिवेणी हैं। उन्होंने त्रेता युग में अत्याचारी सहस्रार्जुन सहित अनेक विधर्मी शासकों का विनाश करते हुए पृथ्वी पर धर्म की स्थापना कर समाज में व्याप्त भय और आतंक को समाप्त किया। महान तपस्वी परशुराम जी को शिवजी ने मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु प्रदान किया था। वे अजर-अमर हैं, उनका जीवन समाज के लिए अनुकरणीय है। मंदिर के मंहत श्री बमबम गिरी की देखरेख में पं. सभाजित पाण्डेय के आचार्यत्व में पूजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर  डॉ. दुर्गा प्रसाद द्विवेदी, पं. संजय कुमार पाण्डेय, पं. मनोज कुमार त्रिपाठी, पं. शर्मानंद पाण्डेय, पं. तारकेश्वर उपाध्याय टुनटुन, पं. जयप्रकाश पाण्डेय, पं. विश्वदेव उपाध्याय, पं. अशोक कुमार तिवारी, पं. गोविन्द शास्त्री, पं. तारकेश्वर मिश्र, पं. अभिषेक पाण्डेय, पं. गोविन्द दुबे, पं भागवत तिवारी, पं. अरुण पाठक, पं. सौरभ उपाध्याय, पं. सतीश मिश्र, पं. संजय दुबे, पं. पंचदेव पाण्डेय, वेदप्रकाश पांडेय,  वंशीधर पाठक, अजय कुमार पांडेय, सतीश कुमार पाण्डेय, अखिल पाण्डेय,गिरिजासुवन पाण्डेय, दिनेश तिवारी, कन्हैया पाण्डेय, शिवशंकर मिश्र, के. एन. चतुर्वेदी सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।