हर 15 से 20 मिनट पर अपडेट होगी मौसम की जानकारी
डाप्लर रडार की जद में होगा 400 किमी का एरिया
आजमगढ़।
जिले में मौसम विज्ञान केंद्र न होने से काफी दिक्कते होती है। मौसम की
सही जानकारी नहीं मिलती है तो वहीं आपदा के दौरान जन व धन हानि पर भी लगाम
नहीं लग पाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योकि शासन ने जिले में मौसम की
सटीक जानकारी के लिए डाप्लर रडार लगाने का निर्णय लिया है। जल्द ही इस रडार
को जिले में स्थापित करने की कवायद पूरी की जाएगी।
केंद्र व
प्रदेश सरकार मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को मजबूत करने की कवायद में जुटी
है। इसके लिए पूरे देश को डाप्लर रडार की जद में लाने की योजना तैयार की गई
है। वर्तमान में देश में लगभग 37 डाप्लर रडार लगे है और अब प्रदेश सरकार
इसकी संख्या को और बढ़ाने की तैयारी में है। केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र
के सहयोग से अब अपने जिले में भी डाप्लर रडार लगाए जाने की रणनीति प्रदेश
सरकार ने तय किया है। फिलहाल जिले में मौसम विज्ञान विभाग का कोई केंद्र
नहीं है। कोटवा स्थित कृषि महाविद्यालय में कुछ दिनों पूर्व निम्न स्तर पर
संचालन शुरू किया गया था। जिससे तापमान आदि की ही जानकारी हो पाती थी।
वर्तमान में मैन फोर्स की कमी के चलते उसका संचालन बंद है। वहीं वर्तमान
में जो डाप्लर रडार जिले के आसपास में लगे है वह चार से पांच सौ किमी की
दूरी पर है। जिससे जिले की सटीक जानकारी नहीं हो पाती है। मौसम की सटीक
जानकारी न होने से जनपद के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। डाप्लर
रडार की मदद से मौसम विभाग को 400 किमी क्षेत्र में होने वाले मौसम के
बदलाव की सटीक जानकारी मिलेगी। यह रडार डाप्लर प्रभाव का इस्तेमाल कर साइज
में सबसे छोटी दिखने वालीं अतिसूक्ष्म तरंगो को भी कैच कर सकती है। जब यह
तरंग किसी भी चीज से टकरा कर लौटती है तो यह रडार उसकी दिशा को आसानी से
पहचान लेती है। इसके साथ यह हवा में तैर रहे माइक्रोस्कोपिक पानी की बूंदों
को पहचानने के साथ ही उनकी दिशा का भी पता लगाने में सक्षम है। डाप्लर
रडार बूंदों के आकार, उनके रफ्तार से संबंधित जानकारी को हर मिनट अपडेट
करता है। जिससे डाटा के आधार पर यह पता लगाने में आसानी होगी कि किस
क्षेत्र में कितनी वर्षा होगी या तूफान आएगा। यही नहीं शासन की योजना के
अनुसार डाप्लर रडार आजमगढ़ के अलावा प्रदेश की राजधानी लखनऊ, अलीगढ़, झांसी
व वाराणसी में भी स्थापित किया जाएगा। इसमें वाराणसी में एस बैंड तो
आजमगढ़, लखनऊ, झांसी व अलीगढ़ में एक्स बैंड का डाप्लर रडार लगेगा। इस संंबंध में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि
कृषि महाविद्यालय में मौसम की जानकारी के लिए सूक्ष्म व्यवस्था है, लेकिन
इससे मात्र अधिकतम, न्यूनतम तापमान आदि की ही जानकारी हो पाती है। मैन पावर
की कमी के चलते वर्तमान में इसका संचालन नहीं हो पा रहा है। डाप्लर रडार
के बाबत अभी कोई पत्र शासन से नहीं मिला है। यदि ऐसा कोई पत्र मिलता है तो
शासन के निर्देशानुसार कवायद की जाएगी।