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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस पर टिप्पणी निंदनीयः योगी रामानंद दास

साकेत पीठाधीश्वर योगी रामांनद का किया स्वागत

आजमगढ़। मध्य प्रदेश प्रांत के दिलेरी धाम से पधारे साकेत पीठाधीश्वर योगी रामानंद दास महाराज का नगर के बेलईसा में अनिल सिंह के आवास पर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया गया। इस दौरान योगी रामांनद दास ने पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस पर टिप्पणी की निंदा की। कहा कि सनातन धर्मावलंबियों के सबसे लोकप्रिय ग्रंथ श्री रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों को विवादास्पद बताया जाना निंदनीय है। ऐसे चंद लोगों द्वारा यह समझने की कोशिश नहीं की गई है कि किस भाव, किस परिवेश, किस स्थान, किन कारणों से उक्त पंक्तियां उल्लेखित की गई है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी ने श्रीरामचरित मानस में देव, मानव, दनुज, सज्जन, किन्नर, खल सबकी वंदना की है, ऐसे लोगों का ध्यान इन पंक्तियों की तरफ क्यों नही जाता। जिससे साफ है कि ऐसे लोग कुतर्क कर समाज में विद्वेष पैदा करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने से कहा कि ऐसे लोग की टिप्पणियों को नजरअंदाज करें और भगवत भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को सफल बनाए। क्योंकि मानसिक क्लेश, अशांति से मुक्ति सनातन धर्म में बताए गए योग व भक्ति मार्ग से ही मिल सकती है। उन्होंने हठ योग की चर्चा करते हुए बताया कि सूर्य और चंद्र नाड़ी का मिलन ही हठ योग कहलाता है। जब सूर्य नाड़ी और चंद्र नाड़ी सक्रिय होती है तभी कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है। पंतजलि योग सूत्र में भी समाधि के लिए योग कहा गया है। कहा कि र्निविकार अवस्था में ही ध्यान की झलक मानव को मिल सकती है। इस अवसर पर पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन, साहित्यकार संजय कुमार पांडेय, ऋषिकेश राय, अनिल सिंह, आर पी राय,वशिष्ठ नारायण सिंह, महंत संजय पांडेय, शाश्वत राय, प्रज्जवल राय, नीरज राय, आदि मौजूद रहे।