सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण का फार्मूला तय, शासनादेश जारी

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष दिसंबर में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण का फार्मूला तय कर दिया है। नए व सीमा विस्तार वाले वार्डों में यदि 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या बढ़ गई है तो इन्हें नया मानते हुए आरक्षण तय किया जाएगा। आबादी के आधार पर इन्हें पहले अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया जाएगा। पुराने वार्डों का आरक्षण चक्रानुक्रम व्यवस्था के आधार पर ही होगा। नगरीय न‍िकाय चुनाव में नया आरक्षण होगा लागूनगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने वार्डों के आरक्षण को लेकर शासनादेश जारी कर दिया है।जिलाधिकारियों को भेजे आदेश में कहा गया है कि वार्डों का आरक्षण करते हुए इसकी जानकारी तीन सेटों के साथ साफ्ट कापी में भी चार नवंबर तक नगर विकास विभाग के अनुभाग एक में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए।आरक्षण फार्मूले के तहत पहले अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे।इसके बाद इसी वर्ग के पुरुषों के लिए श्रेणीवार वार्ड आरक्षित होंगे। इसके बाद वार्डों को अनारक्षित रखा जाएगा। पुराने निकायों में चक्रानुक्रम के आधार पर वार्डों का आरक्षण किया जाएगा।

प्रदेश में 2017 के बाद बनाए गए कुछ नए निकाय

शासनादेश में यह भी कहा गया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में कुछ नए निकाय बनाए गए हैं और कुछ का सीमा विस्तार भी किया गया है। इनमें वार्डों का परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर करने का निर्देश पहले ही दिया जाप चुका है। परिसीमन के दौरान कुछ पुराने वार्डों के भाग मिलाए गए होंगे। इसलिए इनके आरक्षण के दौरान इसका ध्यान रखा जाए।