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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

बच्चे के पेट में घुसी सात फिट की सरिया, चिकित्सकोें ने बचाई जिंदगी

आजमगढ़। कहते हैं कि जिसे ऊपर वाला बचाये उसे कोई मार नहीं नहीं सकता। कुछ ऐसा ही मऊ जिले के रानीपुर निवासी श्याम कुमार के पांच वर्षीय बेटे प्रांजल के साथ हुआ है। प्रांजल छत पर खेलते समय नीचे गिरा तो बगल के घर में बीम के लिए छोड़ी गई सरिया में धंस गया। करीब सात फीट लंबी सरिया उसके पेट के आरपार हो गई। बेहोश होने के कारण वह सरिया में फंस कर वह काफी देर तक झूलता रहा। वहां से गुुजर रही एक पड़ोसी महिला की नजर पड़ी तो उसने शोर मचाया। परिजनों के साथ लोग मौके पर पहुंचे तो गैस कटर से सरिया काट बच्चे को बीएचयू ले गए। वहां चिकित्सकों ने एडवांस वेसेल सीलर मशीन से आपरेशन कर बच्चे की जिंदगी बचा ली। बताते हैं कि रानीपुर निवासी श्याम कुमार का पांच वर्षीय पुत्र प्रांजल छत पर खेल रहा था। खेलते हुए वह कब छत से गिर गया किसी को पता नहीं चला। प्रांजल छत से गिरा तो पड़ोस में बनी बीम में फंस गया। बीम की सात फीट लंबी सरिया उसके पेट के आरपार हो गई। वह बेहोशी की हालत में सरिया पर झूलता रहा। वहां से गुजर रही एक महिला की नजर पड़ी तो उसने शोर मचाकर पास पड़ोस के लोगों को बुला लिया। इसके बाद परिवार के लोग गैस कटर की मदद से सरिया काटकर उसे नीचे उतारे। फिर सरिया को छोटा किया गया। इसके बाद लोग बच्चे को लेकर बीएचयू के ट्रामा सेंटर पहुंचे। यहां प्रो. सौरभ सिंह के निर्देश पर रेड एरिया में तत्काल उपचार शुरू किया गया। साथ ही बाल शल्य विभाग के अध्यक्ष डा. वैभव पांडेय को सूचना दी गई। चिकित्सकों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की तत्परता से बच्चे को मात्र एक घंटे में ही करीब साढ़े 10 बजे ओटी में शिफ्ट किया गया। बच्चा बेहोश था और उसकी पल्स व बीपी ठीक नहीं थी। स्थिति में सुधार आने पर लगातार दो घंटे तक आपरेशन किया गया।डा. वैभव पांडेय ने बताया कि यहां की ओटी में उपलब्ध एडवांस वेसेल सीलर मशीन बच्चे की जान बचाने में काफी मददगार हुई। कारण कि इस मशीन से कम समय में बिना अधिक खून बहाव के ही बेहतर आपरेशन संभव हुआ। आपरेशन के लिए दवाएं, उपकरण या अन्य सामग्री व पैसा जमा कराने के झंझट व भाग दौड़ नहीं करनी पड़ी। इस आपरेशन में डा. सुनील, डा. रजत, डा. सेठ, डा. मंजरी मिश्रा, डा. आमीर, डा. अनुईया आदि शामिल थी।