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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

भंवरनाथ मंदिर परिसर में आरोग्य मेला........

होमियोपैथी के बिना स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना संभव नहीं: डाः भक्तवत्सल

मेले में 600 से अधिक मरीजों का किया गया उपचार
आजमगढ़।
शासन के निर्देश के क्रम में सोमवार को भंवरनाथ मंदिर परिसर में आरोग्य मेला (मंडलीय निःशुल्क होमियोपैथिक चिकित्सा मेला) का आयोजन किया गया। इस दौरान चिकित्सकों द्वारा 600 से अधिक मरीजों की जांच और उनका उपचार किया गया। इस दौरान होमियोपैथी को गांव के अंतिम छोर तक पहुंचाने के संकल्प को दोहराया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधेश्याम सिंह गुड्डू, विशिष्ट अतिथि पूर्व निदेशक पीसीएफ ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू व केंद्रीय होमियोपैथी के पूर्व सदस्य एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथी कोलकता के गवर्निंग बॉडी मेेंबर डा. भक्तवत्सल ने दीप प्रज्ज्वलित कर व डा. हैनिमन की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया। वहीं बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने आरोग्य मेले का अवलोकन किया। उन्होंनें चिकित्सकों के प्रयास की सराहना की। सांसद ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुुंचे। इसी के तहत आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। राधेश्याम सिंह गुड्डू ने कहा कि कोविड काल में होेमियोपैथिक चिकित्सकों की भूमिका काफी सराहनीय रही। चिकित्सकों ने कोविड के प्रसार को रोकने और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि होमियोपैथी की अपनी विशिष्ट पहचान है। यह सस्ती और सुलभ चिकित्सा पद्धति है, जो कम खर्च में असाध्य रोगों का उपचार करती है। डा. भक्तवत्सल ने कहा कि यह आरोग्य मेला माननीय मुख्यमंत्री के निर्दश पर आयोजित किया जा रहा है। आरोग्य मेला ग्रामीण अंचलों में असहाय और कमजोर तबके के लोगों को निरोग करने में अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में तमाम ऐसे होमियोपैथिक अस्पताल हैं जो जर्जर भवन में संचालित हो रहे है। इन अस्पतालों के नए भवन बनवाए जाएं या फिर उन्हें दूसरे भवन में शिफ्ट किया जाए।