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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Video: चार दिनों से लगातार बढ़ रही सरयू, 60 गांव पानी से घिरे

सांसद निरहुआ बोले अलर्ट मोड में प्रशासन

आजमगढ़। सगड़ी तहसील के उत्तरी हिस्से में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को बैराज से पानी छोड़ने की सूचना तो नहीं है, लेकिन जलस्तर में 24 सेटीमीटर की वृद्धि द‌र्ज की गई है। 60 गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर गए हैं, वहीं गांव के निचले हिस्से में बने 40 घरों में पानी घुसने से अफरा-तफरी मची हुई है। प्रशासन ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए 290 नाव लगाने का दावा तो किया है, लेकिन वह अपर्याप्त साबित हो रही हैं। कई गांवों के लोग घरों से निकलने के लिए नाव की तलाश कर रहे हैं। स्थिति की भयावहता काे देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ क्षेत्र के गांवों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर पहुंचे आजमगढ़ जिले के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ का कहना है कि बाढ़ आते ही दवा से लेकर जो सुविधा होनी चाहिए उसके लिए प्रशासन अलर्ट है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाके में बंधे को ऊंचा किया जाता है। बंधे को पत्थर से इंटरलाकिंग कराया जा रहा है। मेन बंधे पर सभी को अलर्ट कर दिया गया है, जिससे जनता को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। राहत सामग्री के वितरण में चना दाल बिस्कुट, नमक चावल 10, तेल मासिक, आलू 10 कुल 100 लोगो में राहत सामग्री का वितरण किया गया। एक दिन पूर्व भी जिले के डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिया था। इसी क्रम मेँ बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंचे प्रदेश सरकार के मंत्री रामकेश निषाद का कहना है कि जुलाई और अगस्त महीने में बाढ़ आती है। उसकी तैयारी पूरी की गई है। इस बार अक्टूबर में बाढ़ आई इसके बाद भी प्रशासन लगा हुआ है। जहां कहीं भी सीपेज की समस्या आ रही है उसे दुरूस्त कराया जा रहा है, जहां पर भी बाढ़ का पानी बस्तियों में घुसा है वहां पर राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है, जिससे किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। 

उधर गुरुवार की सुबह डिघिया नाला गेज पर जलस्तर खतरा निशान से 1.82 मीटर ऊपर पहुंच गया। सभी गांवों के रास्ते जलमग्न हो गए हैं। घरों में पानी घुसने से खाद्यान्न व चारे के लिए रखा गया भूसा भींगने लगा है। स्थिति को देख ग्रामीणों ने सामान समेटकर पलायन की तैयारी शुरू कर दी है। आंखों के सामने फसलों के जलमग्न होते देख अन्नदाताओं का कलेजा फटा जा रहा है। निचले हिस्से में बचे देवारा खास राजा, चक्की, बूढ़नपट्टी, बांका, सोनौरा, अभ्भनपट्टी, अजगरा, शाहडीह, भदौरा आदि गांवों के लोग ज्यादा परेशान हैं। डिघिया नाला गेज स्थल पर बुधवार को 71.98 मीटर जलस्तर था, जो गुरुवार की सुबह आठ बजे बढ़कर 72.22 मीटर पर पहुंच गया। यहां खतरा निशान 70.40 मीटर है। बदरहुआ नाले पर बुधवार को 72.86 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया था, जो गुरुवार को 28 सेमी बढ़कर 73.14 हो गया। यानी खतरा निशान 71.68 मीटर से 1.46 मीटर ऊपर।