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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

छठ पूजा 2022..................

ड्रोन कैमरे से घाटों की होगी निगहबानी, तैनात किए जाएंगे गोताखोर

आजमगढ़। जिले में छठ के मौके पर घाटों की ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। वहीं किसी भी दुर्घटना से बचने और उससे तत्काल निपटने के लिए गोताखोर भी तैनात किए जाएंगे। ज्यादा भीड़ वाले पूजा स्थलों पर सादे लिबास में भी पुलिसकर्मियों की तैनात होगी। घाटों की ओर जाने वाले रास्तों पर डायल-112 के जवान कमान संभालेंगे। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण किनारे पर रस्सी बांधी जाएगी और नावों को लगाया जाएगा। पुलिस की अराजकतत्वों पर विशेष नजर होगी।

  बता दें कि लोक आस्था के महापर्व छठ शुरू हो चुका है। पर्व पर प्रशासन ने सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। जिले के 650 स्थानों पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। इसमें नदियों के अलावा नहर और तालाब-पोखरे भी शामिल हैं। पर्व पर होने वाली भीड़ और नदियों के बढ़े जलस्तर को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया है। ज्यादा भीड़ वाले स्थानों पर ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जाएगी। किसी विपरीत स्थिति के लिए गोताखोरों की तैनाती की जाएगी। वहीं शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए पूजा स्थलों पर सादे लिबास में भी पुरुष व महिला पुलिस की तैनाती की जाएगी। घाटों की ओर जाने वाले रास्तों पर डायल 112 के जवान सुरक्षा की कमान संभालेंगे। जलस्तर बढ़ने के कारण घाटों के किनारे पर नाव और रस्सी लगाई जाएगी। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज व पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने स्वयं घाटों की व्यवस्था का जायजा लिया है। एसपी अनुराग आर्य ने नदियों के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए घाटों पर कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस कर्मी पूरी तरह से मुस्तैद का निर्देश दिया है। उन्होंने नदी के किनारे सेल्फी लेने वालों को सावधान किया है कि अच्छे पोज के चक्कर में कोई ऐसा काम न करें, जो जान पर भारी पड़ जाए। एसपी ने बताया कि अधिकतर पूजा घाटों पर 50-60 लोग जाते हैं, लेकिन तमाम ऐसे भी घाट हैं, जहां बहुत अधिक भीड़ होती है। ऐसे स्थानों पर रस्सी से बैरिकेडिंग कर दी गई है। नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना को तत्काल रोकने की व्यवस्था की गई है। गोताखोरों को भी तैनात कर दिया गया है। कुछ गोताखोरों की लिस्ट बना ली गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उनसे संपर्क कर बुलाया जा सके।