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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Vishwakarma Puja 2022: विश्वकर्मा पूजा कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

Vishwakarma Puja 2022: हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है। कन्या संक्रांति जब होती है जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर को है। इस आधार पर विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को की जाएगी। इस दिन यंत्रों और देवताओं के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी। भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना के समय भगवान ब्रह्मा की मदद की थी। इन्होंने ही संसार का मानचित्र तैयार किया था। ये वास्तुकला के अद्वितीय गुरु हैं, इसलिए आज के दिन वास्तु दिवस भी मनाया जाता है। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर औजारों, मशीनों, उपकरणों, कलम, दवात आदि की पूजा की जाती है। माना जाता है कि अगर व्यक्ति के ऊपर भगवान विश्वकर्मा की कृपा है, तो बिजनेस में तरक्की और उन्नति जरूर मिलती है। 

(भगवान विश्वकर्मा की पूजा शुभ मुहूर्त)

विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त- 17 सितंबर को सुबह 07 बजकर 39 मिनट से सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक, दूसरा शुभ समय- दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक, तीसरा शुभ समय- दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शाम 04 बजकर 52 मिनट तक

(विश्वकर्मा पूजा पर बन रहे हैं खास योग)

इस साल विश्वकर्मा पूजा पर एक से बढ़कर एक शुभ योग बन रहे है, जिसका असर हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ेगा। इस दिन एक नहीं बल्कि 4 शुभ योग बन रहे हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

द्विपुष्कर योग - दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक

रवि योग- सुबह 6 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

अमृत सिद्धि योग- सुबह 6 बजकर 6 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

(विश्वकर्मा पूजा 2022 पूजन विधि)

  • इस दिन प्रातकाल सभी कामों से निवृत्त होने के साथ दुकान, कारखाना, ऑफिस आदि की सफाई करके स्नान कर लें।

  • इसके बाद विश्वकर्मा पूजा का संकल्प करें।

  • अब पूजा स्थान वाली जगह कारखाने, ऑफिस आदि में एक चौकी में साफ वस्त्र बिछाकर विश्वकर्मा जी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।

  • कलश की भी स्थापना करें। इसके लिए एक लोटे में जल भर कर उसके ऊपर आम के पत्ते रख दें। इसके बाद एक नारियल में कलावा लपेटकर ऊपर रख दें।

  • अब विश्वकर्मा जी को दही, अक्षत, फूल, धूप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, फल, रक्षा सूत्र, सुपारी, मिठाई, वस्त्र आदि अर्पित करें।

  • इसके बाद औजारों, यंत्रों, वाहन, अस्त्र-शस्त्र आदि की भी पूजा करें।

  • पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें।

ऊँ आधार शक्तपे नम:

ऊँ कूमयि नम:

ऊँ अनन्तम नम:

ऊँ पृथिव्यै नम:।

मंत्रों का उच्चारण करने के बाद कपूर या घी के दीपक से करें।

इसके बाद हवन कर लें।

अंत में भगवान विश्वकर्मा जी से भूल चूक के लिए माफी मांगते हुए बिजनेस में तरक्की और उन्नति के लिए आशीर्वाद मांगे।

अंत में प्रसाद वितरित कर दें।