RTO लेंगे पैरेंट्स की शिकायतों पर एक्शन
वाराणसी।
यूपी
में अब बच्चों को एक घंटे के अंदर स्कूल से घर और घर से स्कूल पहुंचना
होगा। देरी होने पर मैनेजमेंट पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने
गाइडलाइन जारी करते हुए सख्त हिदायत दी है, इसका पालन न करने वाले स्कूलों
पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार उक्त गाइड लाइन का पालन कराने
की जिम्मेदारी RTO को सौंपी है।
गाइडलाइन
में कहा गया है कि इस नियम को दो महीने के अंदर सख्ती से लागू करना होगा।
इसलिए अब स्कूल जहां स्थित है। उसके 20 किलोमीटर के रेडियस में ही स्कूली
वाहनों को एरिया परमिट जारी किया जाएगा। वाराणसी
के ARTO प्रवर्तन यूबी सिंह ने बताया, "पैरेंट्स की शिकायत पर सरकार ने यह
फैसला लिया गया है। बच्चों को बस और वैन से घर से स्कूल जाने में एक घंटे
का समय लगे। इतना ही समय उन्हें स्कूल से घर जाने में भी लगे। यह निर्णय
बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने
कहा, "वाराणसी के सभी निजी स्कूलों को हमारी ओर से नोटिस जारी कर दिया गया
है। इसके साथ ही चेकिंग शुरू कर जागरूक भी किया जा रहा है। 2 महीने तक
जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद नियम का उल्लंघन करने वालों के
खिलाफ 20 हजार का जुर्माना या परमिट निरस्त की जाएगी या फिर वाहन सीज किया
जाएगा।" ARTO
प्रवर्तन ने कहा, "कई पैरेंट्स की शिकायत आई थी कि उनके बच्चे
को स्कूली वाहन से स्कूल से घर आने में दो से तीन घंटे का समय लग जाता है।
इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।" ARTO
प्रवर्तन ने कहा कि हमारी लोगों से अपील कि यदि उनके बच्चे को स्कूली वाहन
से घर से स्कूल आने-जाने में एक घंटे से अधिक समय लगता है तो वे बेहिचक
शिकायत दर्ज कराएं। हम उनकी समस्या का हर हाल में समाधान कराएंगे।
प्रदेश के सभी स्कूलों ने शुरू की तैयारी
ARTO
ने कहा कि स्कूलों ने भी अपने पेरेंट्स-टीचर के वॉट्सऐप ग्रुप से लोगों को
अवेयर कर दिया है। आरटीओ की ओर से बहुत जल्द शिकायत के लिए एक नंबर जारी
किया जाएगा। इसमें पेरेंट्स अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। स्कूली
वाहनों ड्राइवर का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ड्राइवर के पास पांच वर्ष पुराना
ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। ड्राइवर की आपराधिक इतिहास की पुलिस जांच
होनी चाहिए। सुरक्षा के लिए वाहन में अनुभवी पुरुष और महिला सहायक साथ
होंगे। बस के कर्मचारियों को निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना होगा। चालक
निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार नहीं बढ़ाएंगे। वाहन से स्कूल आने-जाने
वाले बच्चों की सूची चस्पा होगी। सूची में नाम, कक्षा, पता और ब्लड ग्रुप
भी लिखा होगा। स्कूल बसों में दो इमरजेंसी गेट की व्यवस्था करानी होगी।