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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

UP municipal election: कब तक होंगे नगर निकाय चुनाव? सामने आई तारीख, चुनाव आयोग ने शुरू की तैयारी


लखनऊ। यूपी नगर निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर अभी से लोगों के मन में सवाल कौंधने लगा है। हालांकि चुनाव को लेकर अभी पूरी तरह से तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने के संकेत मिल रहे हैं। इसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। संयुक्त निर्वाचन आयुक्त और विभागाध्यक्ष सुधा वर्मा ने इस बारे में सभी जिला अधिकारियों को जो जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी भी निभाते हैं को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि आगामी 20 सितम्बर से चार अक्तूबर तक नव सृजित/सीमा विस्तारित/उच्चीकृत नगरीय निकायों में वार्डवार वोटरों के स्थानांतरण की कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद पांच अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक मतदान केन्द्र/स्थल पर नियुक्त बी.एल.ओ. द्वारा वार्डवार स्थानांतरित मतदाताओं का सत्यापन और अपने से सम्बंधित मतदान स्थल के सभी वोटरों के घर-घर जाकर सत्यापन करके शुद्धि, वृद्धि या वोटर लिस्ट से मृत व अन्य राज्यों में स्थानांतरित वोटरों को हटाने का काम करेंगे। एक अन्य पत्र में आयोग की संयुक्त निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नगरीय निकायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए जिले के अपर जिला मजिस्ट्रेट को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, उप जिला मजिस्ट्रेट को सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और नगर निगमों को उप नगर आयुक्त के अलावा सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया गया है। इनके अलावा नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए तहसीलदार को अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया जाए। हर मतदान स्थल पर एक बीलएलाअे, पांच से दस बीएलओ पर एक पर्यवेक्षक और पांच से आठ पर्यवेक्षक पर एक सेक्टर आफिसर बनाया जाएगा।