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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Navratri 2022: विशेष योग बनने से बेहद खास है शारदीय नवरात्र, ऐसे करें पूजन तो जरूर पूरी होगी मनोकामना

 इस बार शारदीय नवरात्र में सात दिन बेहद खास होंगे

विधि विधान से पूजन करने पर मनोकामनाएं होंगी पूर्ण 

आजमगढ़।  मां के नौ स्वरूपोंं की आराधना का पर्व नवरात्र 26 से शुरू हो रहा है। चार अक्टूबर तक होने वाली नौ दिनों की पूजा में मां के हर स्वरूप की आराधना की जाती है। इस बार विशेष योग होने से यह नवरात्र श्रद्धालुओंं के लिए खास बन गई है। हर दिन मां के स्वरूप की आराधना और सप्तशती का पाठ करने से मां की विशेष कृपा बरसती है।

पंडित नितिश मिश्रा ने बताया कि नौ दिनों में सात दिन बेहद शुभ और कल्याणकारी योग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, वार और नक्षत्र के विशेष संयोजन से कुल 28 प्रकार के योग निर्मित होते हैं। इनमें से कतिपय खास योग अति बलवान होते हैं और उनमें किए गए कार्यों में सफलता, समृद्धि की वर्षा होती है। 26 सितंबर सोमवार को कलश स्थापना होने के साथ ही मां शुभता व समृद्धि का संदेश देंगी।

 पं. चंदन शास्त्री ने बताया कि प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 26 सितंबर को सुबह 3:24 बजे से हो रही है और 27 सितंबर को सुबह 3:08 बजे तक रहेगी। 26 सितंबर को अश्वनी शुक्ल घट स्थापना शुभ मुर्हूत में की जानी चाहिए। इस दिन कन्या लग्न में सुबह 5:56 बजे से 7ः35 बजे तक और अभिजीत मुर्हूत सुबह 11ः33 से दोपहर 12ः22 बजे तक तक घट स्थापना एवं देवी का पूजन किया जा सकता है। मान्यता है कि जब भी नवरात्र की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है, तब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। इस दौरान मां अपने साथ सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक होता है।

  • सोमवार से शुरू होने वाले नवरात्र के दूसरे दिन लगेगा खास योग

  • 27 सितंबर- द्विपुष्करयोग

  • 29 सितंबर- रवियोग

  • 30 सितंबर- रवियोग

  • एक अक्टूबर- रवियोग

  • दो अक्टूबर- सर्वार्थ सिद्धियोग

  • तीन अक्टूबर- रवियोग और जय योग

  • चार अक्टूबर- रवि योग

  • पांच अक्टूबर- दशहरा