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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Lucknow: नगरपालिका में शमिल हुए गांवों का होगा सर्वे

लखनऊ। यूपी में  नए शहरी क्षेत्रों में शामिल होने वाले गांवों में सुनियोजित विकास कराने के लिए ग्राम समाज की जमीनें आरक्षित की जाएंगी। इन जमीनों पर जरूरत के आधार पर नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उदाहरण के लिए बारात घर, सामुदायिक केंद्र, पार्क या बच्चों के खेलने के लिए खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे।
नगर पालिका परिषद अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर शहरी सीमा में आने वाले गांवों में स्थित ग्राम समाज की जमीनों की देखरेख और उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी निकायों के पास आ जाती है। प्रदेश में 250 से अधिक ऐसे निकाय हैं जिनका या तो सीमा विस्तार हुआ है या फिर नई बनाई गई है। शहरी सीमा क्षेत्र में शामिल होने वाले गांवों में स्थित ग्राम समाज की जमीनों का जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए निकाय, जिला प्रशासन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाई जाएगी। यह टीम गांव-गांव जाकर सर्वे करेगी और यह देखेगी कि कितनी जमीनें ग्राम समाज की हैं। इनमें से कितनी जमीनों का पट्टा है, कितनी खाली हैं और कितनों पर अवैध कब्जा है। सूची बनने के बाद इन जमीनों को संरक्षित किया जाएगा।

निकायों को देना होगा प्रस्ताव

विस्तार और नव गठित निकायों से इसके लिए प्रस्ताव लिया जाएगा। नई नगर पंचायतों में जब तक नई तैनातियां नहीं हो पाती हैं, तब तक वहां अस्थाई रूप से तैनाती देकर काम कराया जाएगा। कुछ नई नगर पंचायतों में एसडीएम स्तर के अधिकारियों को अधिशासी अधिकारी का प्रभार देकर भी काम चलाया जा रहा है। इसलिए संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों का सर्वे कराना होगा और स्थानीय जरूरतों की एक सूची तैयार करनी होगी। इसमें सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कामों के लिए प्रस्ताव बनाते हुए स्थानीय निकाय निदेशालय को उपलब्ध कराना होगा। स्थानीय निकाय निदेशालय इस संबंध में जल्द ही सभी निकायों को निर्देश भेजने जा रहा है।