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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में तीन साल की सजा

सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सुनाई सजा

लखनऊ। पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। मंगलवार को यहां सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने यह सजा सुनाई। फर्जी पासपोर्ट मामले में अबु सलेम के अलावा दूसरे दोषी परवेज आलम को भी सजा सुनाई गई है। 

पत्रावली के अनुसार अबू सलेम उर्फ अब्दुल कयूम अंसारी ने वर्ष 1993 में अपने साथियों परवेज आलम व समीरा जुमानी के साथ मिलकर लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में अकील अहमद आजमी के नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। सलेम ने इस आवेदन के साथ फर्जी नाम व पते के कूटरचित दस्तावेज लगाए और पासपोर्ट प्राप्त किया। बाद में उसने इस पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। इस मामले की विवेचना के बाद सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। इस पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने अबु सलेम पर 5 जून 2009 को आरोप तय किए थे। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने गवाई दर्ज कराई और अब आरोपी का बयान दर्ज किया गया।