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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

मंदुरी हवाई अड्डा विस्तारीकरण मामला..........

जोर जबरदस्ती हुई तो जान दे देंगे पर नहीं देंगे अपनी जमीन

हवाईअड्डा विस्तारीकरण सर्वे करने पहुंची टीम से ग्रामीणों की नोंकझोंक

सर्वे व वार्ता के लिए फोर्स संग गदनपुर इच्छनपट्टी पहुंचे थे एसडीएम व सीओ

आजमगढ़। मंदुरी हवाई अड्डा का विस्तारीकरण होना है। जिसके लिए हवाई अड्डे से सटे गदनपुर इच्छनपट्टी गांव में मंगलवार को सर्वे करने के लिए एसडीएम व सीओ फोर्स के साथ पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती होने पर जान देने लेकिन जमीन नहीं देने की बात कही। 80 प्रतिशत किसानों की सहमति के बाद ही सर्वे की बात कहते हुए एसडीएम अपनी टीम के साथ लौट गए। 

मंदूरी हवाई पट्टी को भाजपा सरकार में हवाईअड्डा के रूप में तब्दील कर दिया गया है। अभी लाइसेंस न मिलने के चलते यहां से उड़ान नहीं शुरू हो सकी है। वहीं अब सरकार ने इस हवाई अड्डा को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रुप में तब्दील करने का निर्णय लिया है। इसके लिए इसका विस्तरीकरण किया जाना है। विस्तारीकरण की जद में आसपास के कई गांव पूरी तरह से आ रहे है। वहीं कंधरापुर थाना, प्राथमिक विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र व जूनियर विद्यालय भी इसकी जद में है। खेती की जमीन के साथ ही गदनपुर इच्छनपट्टी गांव का अस्तित्व ही इस विस्तारीकरण के चलते समाप्त हो जाएगा। जिसका गांव के लोग विरोध कर रहे है। मंगलवार को एसडीएम राजीव रतन सिंह सीओ सगड़ी व भारी संख्या में पुलिस बल के साथ गदनपुर इच्छनपट्टी गांव सर्वे के लिए पहुंचे। अधिकारियों के इस कवायद का ग्रामीणों ने पूरजोर विरोध किया। इस दौरान अधिकारियो की ग्रामीणों से जम कर नोंकझोंक भी हुई। ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती को हम बर्दास्त नहीं करेंगे। जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे। मौके पर गदनपुर इच्छनपट्टी गांव के अलावा कंधरापुर, सौरा, सती, मधुबन, बल्देवमंदूरी, कुंआ देवचंद पट्टी आदि गांव के लोग मौजूद थे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए टीम ने सर्वे की कोई कवायद नहीं किया। एसडीएम राजीव रतन सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि 80 प्रतिशत ग्रामीणों की सहमति के बाद ही सर्वे का कार्य शुरू कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि सर्किल रेट का चौगुना मुआवजा ग्रामीणों को दिया जाएगा। इस दौरान ग्राम प्रधान विजय कुमार, रामचंद्र प्रजापति समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।