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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: निपुण भारत अभियान कार्यक्रम, भाषा की दैनिक कार्य योजना पर चर्चा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सं‌चालित कार्यक्रम का दूसरा दिन

आजमगढ़। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संचालित निपुण भारत अभियान के तहत बीआरसी अजमतगढ़ पर प्रथम बैच के दूसरे दिन की शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद दो अलग-अलग कक्षाओं में प्रतिभागियों के साथ भाषा की दैनिक कार्य योजना पर चर्चा हुई। 

इस दौरान 01, 02 और 03 में भाषा की दक्षता के विकास के लिए विद्यालयों में आधारशिला शिक्षण क्रियान्वयन पुस्तिका, कार्यपुस्तिका, चित्र चार्ट, कहानी चार्ट, कविता चार्ट, सहज पुस्तिका, बिग बुक के माध्यम से किस प्रकार दैनिक शिक्षण योजना को संचालित करना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही हर सप्ताह के प्रत्येक दिन बच्चों के साथ कराई जाने वाली गतिविधियों जैसे मौखिक भाषा विकास, डिकोडिंग, पठान एवं संबंधित लेखन के विषय में विस्तार से चर्चा हुई। इस संबंध में संदर्शिका में दी गई विस्तृत कार्य योजना और संक्षिप्त कार्य योजना को आधार बनाकर किस प्रकार से प्रतिदिन का शिक्षण कार्य किया जाना है, इसके बारे में बताया गया।

इसी क्रम में मौखिक भाषा विकास के विभिन्न आयामों, डिकोडिंग के विभिन्न आयामों, पठन कौशल विकास के विभिन्न आयामों, ध्वनि जागरूकता और वर्ण परिचय के विषय में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी गई। प्रशिक्षण बहुत ही कुशलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के रूप में कमल नयन यादव ,अनिल कुमार मिश्र ,श्रीमती कुसुम पांडे, विमल प्रकाश और डा. हरिकेश मिश्रा, अंशु राय, दिनेश पांडे, दिलीप कुमार राय, अभय कुमार यादव, अरविंद कुमार तिवारी, अजीत कुमार प्रजापति, अविनाश साही, मोनिका कुशवाहा, कुमारी नीतू, प्रियंका आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।