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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: हिंदू जागरण मंच ने फूंका डीआईओएस का पुतला,

आजमगढ़। जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ उमेश कुमार त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधानाचार्य को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यर्ताओं ने डीआईओएस का पुतला फूंक शासन से कार्रवाई की मांग की। मांग पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

जिला उपाध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि सगड़ी तहसील क्षेत्र में स्थित मौलाना आजाद इंटर कालेज अंजान शहीद भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। जांच में कई बार भ्रष्टाचार की पुष्टि हो चुकी है लेकिन डीआईओएस प्रधानाचार्य को बचाने मेें जुटे है। डीआईओएस आजमगढ़ प्रधानाचार्य को बचाने के लिए फर्जी तक दे रहे हैं। विपिन सिंह पालीवाल ने कहा कि कालेज में मिड-डे-मील में भ्रष्टाचार किया गया। शिकायत पर जेडी द्वारा जांच कराई गई। जांच में आरोप सही पाए गए। विद्यालय में 61 लोगों का भोजन बनता था जबकि प्रति माह 410 लोगों का भुगतान लिया जाता था। यही नहीं जांच में प्रधानाचार्य की डिग्री भी फर्जी पाई गई है। जेडी द्वारा डीआईओएस को कार्रवाई का निर्देश दिया गया लेकिन उन्होंने एक दिन में दो पत्र जारी किए। एक पत्र में कार्रवाई की बात कही जबकि दूसरे पत्र में जेडी से सुझाव मांगकर मामले को दबाने की कोशिश की।