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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: लंबित मांगों से नाराज रोजगार सेवकों ने बीडीओ को सौंपा ज्ञापन

जहानागंज। लंबित मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज ग्राम रोजगार सेवक संघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को ब्लाक में प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बीडीओ कार्यालय में सौंपा गया। 
ग्राम रोजगार सेवक सुभाष भारती (अध्यक्ष) ने कहा कि चार अक्टूबर 2021 को लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में की गई घोषणाओं को पूरा किया जाए। वर्तमान समय में कुल 7788 रुपया प्रतिमाह मिल रहा है। 2210 रुपये ईपीएफ के यूएएन खाते में जमा नहीं किया गया है। जिसके चलते किसी रोजगार सेवक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। मांग करते हुए कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों से मूल ग्राम पंचायत के साथ-साथ रिक्त ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाए। कोविड-19 के अतिरिक्त आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके आश्रित को सेवा में समायोजित किया जाए। राज्य वित्त, केंद्रीय वित्त एवं अन्य निधियों की मजदूरी का भुगतान श्रमिकों को मनरेगा से किया जाए। ईपीएफ कटौती की धनराशि कर्मचारियों के यूएएन खाते में भेजी जाए। अनुमोदन से रिक्त ग्राम पंचायतों में अनुमोदन करवाते हुए योगदान दिया जाए। ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। पूर्व वित्तीय वर्ष में बकाया मानदेय भुगतान हेतु निर्देश जारी किया जाए। ग्राम रोजगार सेवकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए जिला व प्रदेश स्तर पर बैठक की तिथि निर्धारित की जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान अनिल यादव, रजनीश, रविंद्र कुमार, कन्हैया, अजय, वीरेंद्र, रमाकांत, अमित यादव, संजय श्रीवास्तव, ममता देवी, कुमारी नीरज, प्रमिला यादव, रेनू चौहान, सुमन यादव, सुमन मौर्य, चंद शेखर राय, प्रीति दुबे आदि मौजूद रहीं।