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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: शुरू हुआ मदरसों का सर्वें, 387 रजिस्टर्ड, 800 से अधिक संचालित

मदरसों के सर्वे को अपर जिलाधिकारी प्रशासन नोडल अधिकारी नियुक्त

इसी महीने के अंत में शासन को भेजी जाएगी सर्वे रिपोर्ट

आजमगढ़ शासन के निर्देश के बाद जिले में मदरसों के सर्वे का काम शुरू हो गया है। इसके लिए एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्र को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। उनकी देखरेख में टीमों ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। जिलें में मात्र 387 पंजीकृत मदरसें हैं जबकि यहां आठ सौ से अधिक मदरसों का संचालन हो रहा है। इन सभी मदरसों के सर्वे के बाद माह के अंत तक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

बता दें कि शासन के निर्देश पर प्रदेश भर में मदरसों का सर्वे हो रहा है। आजमगढ़ में सर्वे के लिए एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्र को इसका नोडल बनाया गया है। इसके तहत जिले में ऐसे मदरसों का सर्वे किया जा रहा है जो कि रजिस्टर्ड नहीं हैं। इस महीने के अंत तक इसे पूरा कर शासन को रिपोर्ट दे दी जाएगी। इस सर्वे में जिले की सभी तहसीलों के एसडीम के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। इस टीम में जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भी नामित किया गया है। नामित सदस्य जाकर मदरसों का भौतिक सत्यापन करेंगे। साथ ही यह भी पता कराया जाएगा कि जिस जमीन पर इन मदरसों का निर्माण हुआ है वह सही है या नहीं। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। गौर करें तो जिले में पंजीकृत मदरसों की संख्या 387 है। जबकि यहां आठ सौ से अधिक मदरसों का संचालन हो रहा है। बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों की सर्वे टीम सूची तैयार करेगी। साथ ही इनकी जांच भी की जाएगी। एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्र का कहना है कि जिले में रजिस्टर्ड मदरसों की सूची तहसील स्तर पर बनाई जा रही है। वहीं मदरसों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है जो मौके पर जाकर मदरसों का सत्यापन कर रही है। इस माह के अंत तक रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी जाएगी।