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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: पुरानी कोतवाली की ऐतिहासिक श्रीरामलीला का शुभारंभ 24 से

 पहले दिन मुकुट पूजन, नारद मोह, विश्व मोहनी स्वयंवर का मंचन
जनकपुर मिथिला धाम के कलाकार करेंगे श्रीरामलीला का मंचन

आजमगढ़। नगर के पुरानी कोतवाली में प्रतिवर्ष होने वाली ऐतिहासिक श्रीरामलीला का मंचन 24 सितंबर से शुरू होगा। मंचन श्री बाबा बैजनाथ श्रीरामलीला मंडल (जनकपुर मिथिला धाम) बिहार के कलाकार प्रतिदिन रात आठ बजे से प्रस्तुत करेंगे। 

श्रीरामलीला समिति के संयोजक विभाष सिन्हा ने बताया कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीरामलीला का शुभारंभ 24 सितंबर को मुकुट पूजन, नारद मोह, विश्व मोहनी स्वयंवर, मनु तपस्या के  मंचन से होगा। इसके बाद 25 को रावण जन्म, रामवण अत्याचार, 26 को श्रीराम जन्म, विश्वामित्र आगमन, ताड़का वध, 27 को सीता जनम, नगर दर्शन, फुलवारी, मीना बाजार, 28 को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन होगा। इसी क्रम में रविवार 29 सितंबर कोे श्रीराम विवाह, कलेवा और सीता विदाई का मंचन किया जाएगा 30 सितंबर को कैकेयी कोप, राम वनवास, एक अक्तूबर को श्रीराम केवट संवाद, सूपनखा नककटैया, दो अक्तूबर को सीताहरण, राम-सेवरी संवाद, राम-सुग्रीव मित्रता, बालि वध का मंचन होगा। जबकि तीन को लंका दहन, रामेश्वर स्थापना, चार को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, पांच को कुंभकरण, मेघनाथ और रावण वध का मंचन होगा। छह अक्तूबर को विश्राम रहेगा। सात को भरत मिलाप और राजगद्दी का मंचन किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में श्रीरामलीला स्थल पहुंच भगवान की लीलाओं का आनंद उठाने का आह्वान किया।