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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

आजमगढ़: जेल में बंद 1332 बंदियों की जांच में 10 मिले एचआईवी पॉजिटिव

आजमगढ़. न्यायालय के आदेश पर आजमगढ़ जिला कारागार में बंदियों की कैंप लगाकर की गई जांच में 10 बंदियों के एचआईवी पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मचा है। संक्रमित मरीजों में से चार बंदी बलिया और छह बंदी आजमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। जेल में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को जांच के दौरान विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जेल प्रशासन की मदद से बंदियों की जांच कराई जा रही है। ताकि ऐसे मरीजों पर नजर रखी जा सके।

आजमगढ़ जिला कारागार में 2500 बंदी निरुद्ध हैं। कोर्ट के आदेश पर कैंप लगाकर बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। अब तक टीम द्वारा 1332 बंदियों की जांच हो चुकी है। इसमें 10 बंदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए है। पॉजिटिव बंदियों में चार बलिया और छह आजमगढ़ जिले के रहने वाले हैं। अभी तक किसी महिला बंदी में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पांच में एचआईवी के प्रारंभिक लक्षण पाए गए हैं, उनकी दोबारा जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। बंदियों के एचआईवी पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर 10 लोगों में एचआईवी संक्रमण फैला कैसे। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. इंद्रनारायण तिवारी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर बंदियों की एचआईवी जांच की जा रही है। अब तक कुल 10 मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होने बताया कि इन बंदियों को सामान्य बंदियों की ही तरह रखा गया है। इनको वायरल के हिसाब से दवाएं दी जा रही हैं। अगर किसी बंदी को कोई और समस्या हुई तो उसके हिसाब से उसका इलाज किया जाएगा। उन्होने कहा कि एचआईवी दो प्रकार से होता है। बंदियों में यह या तो संक्रमित खून चढ़ाने से हुआ होगा या असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से। बचे हुए बंदियों की भी जांच की जा रही है। सभी की जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। जेलर विकास कटियार ने बताया कि जेल में कैंप लगाकर सभी बंदियों की जांच कराई जा रही है। बचे हुए बंदियों की जांच भी जल्द ही पूरी हो जाएगी।