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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Twin Tower: ताश के पत्ते की तरह बिखर गईं इमारतें, देखें तस्वीरें

नोएडा। महज आठ सेकेंड के अंदर नोएडा का ट्विन टावर ढहा दिया गया। 32 और 29 मंजिला दोनों इमारतें पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गईं हैं। टावर में जैसे ही ब्लास्ट शुरू हुए, धूल का गुबार उठना शुरू हो गया। कई किलोमीटर दूर तक लोगों ने इस धूल के गुबार को देखा। आस-पास की 50 से ज्यादा इमारतें पूरी तरह से धूल से पट गईं।  ट्विन टावर गिराने के लिए पूरी व्यवस्था पहले से कर ली गई थी। 500 मीटर के दायरे में पड़ने वाली सभी इमारतों को खाली करा दिया गया था। कई इमारतों को ढक भी दिया गया था। ठीक दो बजकर 30 मिनट पर पहला धमाका हुआ। ये धमाका 29 मंजिला इमारत के सबसे नीचे हुआ। इसके बाद एक के बाद एक 29 मंजिले इमारत के हर फ्लोर पर ब्लास्ट हुआ। कुछ सेकेंड के अंदर ही ये 29 मंजिला इमारत धराशाही हो गया। इसके तुरंत बाद 32 मंजिला इमारत में ब्लास्ट शुरू हुआ। इसमें भी शुरुआत इमारत के सबसे नीचे से हुई। देखते ही देखते आठ सेकेंड के अंदर दोनों इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं।

ट्विन टावर गिरते ही धुएं का गुबार उठा। आस-पास पूरी तरह से धुंध छा गई। एक्सप्रेस वे तक इस धुएं के गुबार को लोगों ने देखा। देश में ये पहला मौका था जब इस तरह से किसी ऊंची इमारत को ध्वस्त किया गया है।

ट्विन टावर गिरने के बाद नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि इमारतों के गिरने से आसपास की बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आसपास की सभी इमारतें सुरक्षित हैं।
ट्विन टावरों के जमींदोज होने का बाद चारों तरफ धूल का गुबार फैल गया। धूल का गुबार अनुमान से भी ज्यादा है, यह एक्सप्रेस वे तक फैल गया है। धूल को कम करने के लिए लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। धुंध छंटने के बाद विशेषज्ञों की टीम नुकसान का आंकलन करेगी।

भ्रष्टाचार के ट्विन टावर को गिरते हुए देखने के लिए लोग काफी उत्सुक दिखे। आसपास के इलाकों में लोगों ने छतों पर चढ़कर पूरी कार्रवाई देखी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर पहुंच गए हैं।

यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ट्विन टावर के आसपास छह से अधिक अस्थायी मशीनों को लगाया है। इनकी मदद से टीम 31 अगस्त तक वायु प्रदूषण पर निगरानी रखेगी। रोजाना दस बजे वायु प्रदूषण के आंकड़े जारी किए जाएंगे। साथ ही, अन्य मशीनों से भी वायु गुणवत्ता सूचकांक देखा जाएगा।

दोनों इमारतों के नीचे टायर लगाए गए थे ताकि वाइब्रेशन को कम किया जा सके। वहीं, ऑपरेटर ने स्मॉग गन की तकनीक से धुएं को हटाने का काम शुरू कर दिया है।

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्विन टावर्स के ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला।

कौन है ट्विन टावर का मालिक? 
ये ट्विन टावर सुपरटेक कंपनी ने बनाया था। सुपरटेक कंपनी के मालिक का नाम आरके अरोड़ा है। आरके अरोड़ा ने 34 कंपनियां खड़ी की हैं। ये कंपनियां सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन तक के काम करती हैं। यही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आरके अरोड़ा ने तो कब्रगाह बनाने तक की कंपनी भी खोली है।