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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Jhansi: आजमगढ़ का स्कूल संचालक निकला फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराने वाला, गिरफ्तार

36 लाख रुपये वसूल कर पांच लोगों को थमा दिए थे फर्जी नियुक्ति पत्र

झांसी। शिक्षकों को फर्जी नियुक्ति कराने वाले को आजमगढ़ से पकड़ लिया है। वह विद्यालय संचालक है। उसने 36 लाख रुपये लेकर पांचों को युक्ति पत्र दिए थे। पुलिस उससे पूछताछ है। आरोपी के जरिये फर्जीवाड़े के बड़े खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।झांसी जिले के खड़ौरा, बम्हौरी सुहागी व बोरा स्थित राजकीय हाईस्कूलों में आजमगढ़ निवासी अमृता कुशवाहा, मैनावती, पंचदेव, विश्वकर्मा व नरेंद्र कुमार मौर्य की हमें नवीन तैनाती हुई थी। इसके बाद हुई जांच में पांचों के नियुक्ति पत्र फर्जी पाए गए। इस पर पुलिस द्वारा पांचों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने अब फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड को भी पकड़ लिया है। यह आजमगढ़ जिले के लालगंज का रहने वाला है। वहां एक विद्यालय का संचालन करता है। सामने आया कि पकड़े गए पांचों फर्जी शिक्षकों ने शिक्षक बनने के लिए साल 2015 में परीक्षा दी थी, तब पाँच हजार शिक्षकों की भर्ती होनी थी. परंतु ढाई हजार ही नियुक्ति पा पाए थे। बाको का मामला न्यायालय में चला गया था। हाल ही में फर्जीवाड़े के सरगना पांचों आरोपियों के संपर्क में आया था। उसने भरोसा दिया था कि वह नियुक्ति संबंधी केस को रफा-दफा करवा देगा। इसके एवज में उसने रकम वसूली थी। सभी को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए थे। पकड़े गए सरगना से पुलिस की पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि उसके जरिये फर्जीवाड़े के बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है। प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भी फर्जी शिक्षक पाए जा सकते हैं। मास्टरमाइंड से पूछताछ में सामने आया कि उसने भर्ती के लिए दो शिक्षकों से छह-छह सात लाख और दोनों महिलाओं से आठ-आठ लाख रुपये वसूल किए इनमें से रणविजय के हाथ में उसने नियुक्ति पत्र थमाया भा और बाकी चारों के पित पत्र डाक से भेजे गए थे।