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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Court News: अबू सलेम को 22 अगस्त को पेश करने का आदेश, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप बरी

Court News: अबू सलेम को 22 अगस्त को पेश करने का आदेश, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप बरी

लखनऊ। फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने आरोपी अबू सलेम को 22 अगस्त को पेश करने का आदेश दिया है। अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल में निरुद्ध है। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने एक अन्य आरोपी परवेज आलम की ओर से अंतिम बहस के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है। इस मामले में सीबीआइ की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। अब आरोपियों की ओर से बहस होना बाकी है।

बीती 21 जुलाई को विशेष अदालत के समक्ष इस मामले में अबू सलेम ने अपना बयान दर्ज कराया था। उसे नवी मुंबई की तलोजा जेल से महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पेश किया गया था। वर्ष 1993 में अबू सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कुटरचित दस्तावजो के आधार पर फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाया था। छह जुलाई, 1993 को यह पासपोर्ट प्राप्त किया गया था। अबू सलेम ने यह पासपोर्ट अभियुक्त परवेज आलम के माध्यम से बनवाया था। 29 जून, 1993 को आजमढ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था। विवेचना के बाद सीबीआइ ने इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व कुटरचना आदि के साथ ही पासपोर्ट अधिनियम के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किया था।

जाली भारतीय नोट के मामले में अभियुक्त सोहराब के खिलाफ आरोप तय : 

वर्ष 2019-20 के दौरान जाली भारतीय नोट हासिल करने व उसका इस्तेमाल कर आर्थिक स्थिरता को क्षति पहुंचाने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त सोहराब के खिलाफ एनआइए/एटीएस की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिया है। विशेष जज अनुरोध मिश्रा ने इसके खिलाफ साजिशन कुटरचित करंेसी का व्यापार करने के साथ ही विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप तय किया है।

विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्त सोहराब ने बांग्लादेशी नागरिक मनीरुल इस्लाम से भारी मात्रा में उच्च क्वालिटी का जाली भारतीय नोट हासिल किया था। फिर देश की आर्थिक स्थिरता को क्षति पहुंचाने के इरादे से अन्य अभियुक्तों के जरिए इसका इस्तेमाल असल के रुप में कर रहा था। विवेचना के बाद एनआइए ने इसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप समेत 12 अभियुक्त बरी :  

28 साल पुराने जानलेवा हमले के एक आपराधिक मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप समेत 12 अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। 21 फरवरी, 1994 को थाना हसनगंज से संबधित इस मामले की एफआइआर खुद पुलिस ने दर्ज कराई थी। इस मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े तत्कालीन छात्र नेता आरोपी थे।

प्राइवेट अस्पताल मालिकों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज : 

एम्बुलेंस वालों की मिलीभगत से लोहिया अस्पताल आने वाले मरीजों को अपने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के मामले में वांछित अभियुक्त प्रीति पांडेंय, अखिलेश कुमार पांडेय व अतुल प्रजापति की अग्रिम जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है। एडीजे महेश कुमार कुशवाहा ने प्रथम दृष्टया इनके अपराध को गंभीर करार दिया है। सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक अभियुक्त प्रीति व अखिलेश सन हास्पिटल जबकि अतुल अपरान हास्पिटल का मालिक है। सात जून, 2022 को इस मामले की एफआइआर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजन भटनागर ने थाना विभुतिखंड में दर्ज कराई थी।