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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: भू-माफियाओं को संरक्षण, गरीबों पर बुल्डोजर की नीति नहीं चलेगी के लगे नारे



खेग्रामस व उप्र खेत मजदूर यूनियन ने किया प्रदर्शन

राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा

आजमगढ़। खेत एवं ग्रामीण मजदूर संगठनों के राज्य व्यापी संयुक्त आह्वान पर सोमवार को अभा खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और उप्रखेत मजदूर यूनियन ने जुलूस निकाला।  कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जुलूस का नेतृत्व खेग्रामस के सुदर्शन राम एवं उप्र खेत मजदूर यूनियन के रामवृक्ष ने किया।

 जुलूस जजी मैदान के पास स्थित बस स्टैंड से निकल कर, सिविल लाइंस, अग्रसेन चौक, नेहरू हाल होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। जुलूस में "भूमाफियाओं को संरक्षण और गरीबों पर बुल्डोजर नहीं चलेगा नहीं चलेगा","बुल्डोजर राज नहीं चलेगा नहीं चलेगा","गरीबों को उजाड़ना बंद करो"आदि नारे लगाए। वक्ताओं ने कहा कि हम इस भेदभावपूर्ण दमनकारी, "भू-माफियाओं को संरक्षण और गरीबों पर बुल्डोजर" नीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे और ग्रामीण गरीबों को संगठित कर संघर्ष में उतरेंगे। नेताओं ने कहा कि आटा, दाल, चावल, दही आदि पर जीेएसटी लगा कर सरकार ने गरीबों व आम आदमी पर अंतिम हमला कर दिया है। उन्होंने गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं को संगठित होकर सड़क पर उतरने की अपील की। राष्ट्रपति के नाम प्रेषित ज्ञापन के जरिए अपने घरों,जमीनों से गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाने, भूमाफियाओं के कब्जे से बंजर ग्राम सभा जमीन को खाली कराकर गरीबों को आवंटित करने, मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रुपया प्रतिदिन मजदूरी देने, आवासीय पट्टा एवं आवास बनवाने हेतु 5 लाख रुपए देने, गरीब बस्तियों को संबंधित गरीबों के नाम दर्ज करने,जन वितरण प्रणाली के तहत प्रति यूनिट 15 किलो राशन के साथ दाल,तेल, नमक, चना आदि की गारंटी करने सहित तमाम मांगें प्रस्तुत की गईं। प्रदर्शन में सुदर्शन व रामबृक्ष के अतिरिक्त जयप्रकाश नारायण, ओमप्रकाश सिंह,बसंत, रामजीत, रामजन्म यादव, वेदप्रकाश उपाध्याय, विनोद सिंह, रामकृष्ण यादव,रामायन राम, हरिचरन, हरिश्चंद्र राजभर, प्रदीप यादव, राकेश वनवासी, ममता, गुलशन, इंद्रजीत, शिवचरण, अनिल वनवासी आदि शामिल रहे।