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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: बिलकिस बानों गैंगरेप और दलित छात्रा की हत्या के दोषियों के खिलाफ प्रदर्शन

 राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसील प्रशसन को सौपा

आजमगढ़। गुजरात में बिलकिस बानो गैंगरेप और राजस्थान में दलित छात्रा की हत्या के विरोध में अखिल भारतीय खेत और ग्रामीण सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा ने संयुक्त रूप से मंगलवार को लालगंज में प्रदर्शन किया।  दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसील प्रशासन को सौंपा। 

प्रदर्शन का नेतृत्व माले राज्य स्टैंडिंग कमेटी सदस्य व आजमगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश सिंह, डॉ बसंत, विनोद सिंह व खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के नेता डॉ सुदर्शन ने किया। सीपीआई, सीपीआई (एम), एआईएफएफ ने भी समर्थन दिया। प्रदर्शन में जालौर (राजस्थान) दलित छात्र के हत्यारे को सख्त सजा देने की मांग की गई। इसके अलावा बिलकिस गैंगरेप के दोषियों को भी सख्त सजा देने की मांग की गई। कार्यकर्ताओं ने मुसहर गरीबों को फर्जी मुकदमों में फंसाना बंद करने की बात कही। तहसील पर माले नेता ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि आज भी मटका छूने पर दलित की हत्या कर दी जाती है। यह लोकतंत्र की हत्या है। समाज को झकझोर देने वाले जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। उत्पीड़ित करने पर रोक लगाने, विजली बिल 2022 वापस लेने सहित कुल 15 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान ओमप्रकाश सिंह, डॉ बसंत, डॉ सुदर्शन,विनोद सिंह, सीपीएम के रामजन्म यादव, जगरनाथ, सीपीआई के बीराम, पंचदेव राही, एआईएफएफ के मुज़म्मिल जाहिद अली, माले के मुरारी, सुरेन्द्र, राकेश, छोटू, मोनिका, शीला देवी, मिंता देवी, कालिका, हवलदार, रानू राव, नंदलाल चौहान, बृजनाथ, राजेन्द्र सहित तमाम युवा और महिलाएं शामिल थीं।