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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: विश्व पेंचक सिलाट चैंपियनशिप में सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने रचा इतिहास

80-85 भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले पहले खिलाड़ी बने

आजमगढ़। पेंचक सिलाट मार्शल आर्ट्स के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने भारतीय टीम की तरफ से मलेशिया में आयोजित 19वीं विश्व पेंचक सिलाट चैंपियनशिप में 80-85 किलो भार वर्ग में क्वार्टर फाइनल पहुंच देश का मान बढ़ाया। सूरज ने इस भार वर्ग में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड के खिलाड़ी से कड़े मुकाबले में कुछ अंकों से हार का सामना करना पड़ा। इस विश्व चैंपियनशिप में लगभग 59 देशों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था।

सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप किसी भी खेल की वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी चैंपियनशिप होती है, यहां तक प्रतिभाग करना हर खिलाड़ी का सपना होता है, मुझे इंडियन पेंचक सिलाट फेडरेशन के पदाधिकारियों व टीम के चयनकर्ताओं ने इस चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने का अवसर दिया इसके लिए बहुत आभारी हूूं, आज़मगढ़ जैसे शहर में बिना किसी अत्याधुनिक सुविधाओं के कठिन परिश्रम से मैंने तैयारी किया था तथा 21 दिन का भारतीय टीम के श्रीनगर में लगे कैंप में भी प्रशिक्षण लिया था,  मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की पूरी कोशिश किया। लेकिन कुछ तकनीकी अंकों से मुझे क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। मेरे लिए हर गर्व का विषय है कि इस भार वर्ग में विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाला मैं पहला भारतीय खिलाड़ी हूं। पुनः अवसर मिला तो पूरी तैयारी कर प्रतिभाग करेंगे व स्वर्ण पदक से नही चूकेंगे। मैं इंडियन पेंचक सिलाट फेडरेशन के सीईओ व मुख्य कोच मोहम्मद इक़बाल, गुरु जसपाल सिंह कार्यकारी अध्यक्ष पेंचक सिलाट खेल संघ उत्तर प्रदेश व पिताजी- माताजी का विशेष रूप से आभारी हूं।  वहीं सूरज की इस उपलब्धि पर माता कुसुमलता श्रीवास्तवा, बहन संध्या श्रीवास्तवा, असिस्टेंट कमांडेंट रविकांत श्रीवास्तव, डा. सुनील चंद्र श्रीवास्तव ने खुशी जाहिर किया है