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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: कोरोना काल में खाद्यान्न वितरण की होगी जांच


 - निरीक्षण के आधार पर कार्रवाई की मांगी 10 सितंबर तक रिपोर्ट

- मंडल व जिले स्तर के वरिष्ठ ‌अधिकारियों को सौंपी गई जांच

आजमगढ़। मध्याह्न भोजन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद रहने की अवधि में छात्रों में वितरित खाद्यान्न और परिवर्तन लागत की जांच होगी। बेसिक शिक्षा विभाग के मंडल व जिले स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की रिपोर्ट 10 सितंबर तक मांगी गई है।

जिले में 2702 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1720 प्राथमिक, 528 उच्च प्राथमिक एवं 454 कंपोजिट विद्यालय शामिल हैं। उक्त विद्यालयों में करीब सवा चार लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इन्हें मध्याह्न भोजन दिया जाता है। निदेशक विजय किरन आनंद ने योजना की समीक्षा की तो कई गड़बड़ियां देखने को मिली। समीक्षा में पाया गया कि कई जिलों द्वारा अभी तक खाद्य सुरक्षा भत्ता के तहत खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत की धनराशि का वितरण छात्रों के अभिभावकों को नहीं कराया गया है। शासनादेश में खाद्यान्न का वितरण विद्यालय से संबद्ध सस्ता गल्ला विक्रेता के माध्यम से विद्यालय के प्रधानाध्याक द्वारा जारी प्राधिकार पत्र के आधार पर उपलब्ध कराने एवं परिवर्तन लागत की धनराशि छात्रों (अभिभावकों) के निजी बैंक खातों में स्थानान्तरित किए जाने का प्रावधान है। इस कारण विद्यालय स्तर से छात्रों को वितरित किए जा रहे खाद्यान्न (गेहूं व चावल) और निजी बैंक खातों में जमा कराई गई परिवर्तन लागत की धनराशि का स्थलीय सत्यापन किया जाना है।

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इन्हें मिले जांच के आदेश

आजमगढ़। निदेशक ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), मंडल समंवयक (एमडीएम), डायट प्राचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी तथा सर्व शिक्षा अभियान के जिला समंवयकों को कम से कम 10 छात्रों के परिवारों से जानकारी प्राप्त कर निरीक्षण प्रपत्र में सूचनाएं भेजने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर जिले स्तर से कार्रवाई करते हुए मुख्यालय को सूचना भेजने को कहा गया है।

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इन सभी बिंदुओं पर होगी जांच---

प्राथमिक स्तर

- 94 दिवस के लिए खाद्यान्न 9.4 किलो (गेहूं 3.2 किलो व चावल 6.2 किलो) कोटेदार के माध्यम से प्राप्त हुआ है या नहीं।

- 128 दिवस के लिए परिवर्तन लागत की धनराशि 638 रुपये बैंक खाते में प्राप्त हुई या नहीं।

- विद्यालय के अध्यापकों द्वारा दिए जा रहे सहयोग से अभिभावक संतुष्ट हैं या नहीं।

उच्च प्राथमिक स्तर

- 87 दिवस के लिए खाद्यान्न 13.05 किलो (गेहूं 4.35 किलो व चावल 8.7 किलो) कोटेदार के माध्यम से।

- 121 दिवस के लिए परिवर्तन लागत की धनराशि 901 रुपये बैंक खाते में प्राप्त हुई है या नहीं।

- विद्यालय के अध्यापकों द्वारा दिए जा रहे सहयोग से अभिभावक संतुष्ट हैं या नहीं।

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कोरोना संक्रमण काल 2021-22 में कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद रहने की अवधि में छात्रों में खाद्यान्न और कंवर्जन कास्ट का वितरण हुआ है या नहीं। मामले की जांच कराने के लिए निदेशक द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिन बिंदुओं पर जांच कराने के निर्देश हैं उन बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट भेजी जाएगी।

अतुल कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।