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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

azamgarh : वाहन से ‘8’ बनाने वाले अभ्यर्थी होंगे पास


 - ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में कैमरा लेगा ड्राइविंग टेस्ट

- खत्म होगा दलालों का झंझट, आसानी से बनेगा लाइसेंस

आजमगढ़। स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों का कैमरा टेस्ट लेगा, पास होते ही सिस्टम ड्राइविंग लाइसेंस बनने को भेज देगा। इस व्यवस्था के बाद दलालों व पैरवी करने वालों का राज खत्म हो जाएगा। इसके लिए आईटीआई में बने ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) में कैमरा लगाए गए हैं। अब उपकरण भी लगाए जाएंगे। हाला‌कि अभी बुधवार से टेस्ट शुरू हो जाएगा। जहां वाहन चलाकर अभ्यर्थी को ‘8’ (आठ) के आकार में वाहन चलाना होगा। आठ बनाने वाले अभ्यर्थी पास होंगे और उनका लाइसेंस जारी किया जाएगा।

परिवहन विभाग ने प्रथम चरण में घर बैठे ही लर्निंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था लागू कर दी है। लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आनलाइन आवेदन व शुल्क जमा करना होता है। मोबाइल या कंप्यूटर जिसमें कैमरा लगा हो, उससे परीक्षा देना होता है। परीक्षा में सफल होते ही लर्निंग लाइसेंस बनकर तैयार हो जाता है और आवेदक प्रिंट निकाल लेता है। फेल होने पर कारण का फोटो समेत प्रमाण भी उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए आनलाइन आवेदन व शुल्क जमा करना होता है। उसके बाद बायोमैट्रिक कराने, आनलाइन परीक्षा देने व वाहन चलाकर टेस्ट देने के लिए परिवहन विभाग के आफिस जाना होता है। जहां दलालों व पैरवी करने वालों का राज चलता है। परिवहन विभाग इस व्यवस्था को खत्म करने जा रहा है। इसके लिए आधुनिक उपकरण लगाने के साथ ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर आधुनिक कैमरा लगाया गया है। अब आवेदक को कैमरा की निगरानी में वाहन चलाना होगा। कैमरा वाहन चलने में कहां-कहां गलती हुई, इसकी फोटो समेत जानकारी भी उपलब्ध कराएगा। सफलता पूर्वक वाहन चलाने के बाद कैमरा पास कर देगा और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए कंपनी के पास भेज देगा। कैमरा द्वारा फेल कर दिए जाने पर कोई भी पास नहीं कर सकता है, आवेदक को दोबारा आवेदन करना होगा और टेस्ट ड्राइविंग देना होगा।

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ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआइ) में टेस्ट ड्राइविंग के लिए कैमरा व उपकरण लगाए जाने थे। कैमरा लग गया है, उपकरण की मांग की गई है। अभी कैमरे की निगरानी में परीक्षा बुधवार से शुरू होगी। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में सभी प्रकार का हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा।

पवन सोनकर, आरआई।