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खास खबर

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता यात्रा निकाली गई

हा​थों में तिरंगा लेकर आमजन हुए शामिल लगाए भारत माता की जय के नारे आजमगढ़। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत सदर विधानसभा क्षेत्र में एकता यात्रा निकाली गई। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्रा गुड्डू के नेतृत्व में यह पदयात्रा एसकेपी इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर पहाड़पुर, तकिया, चौक, अग्रसेन चौराहा, कलेक्ट्रेट चौराहा होते हुए अम्बेडकर पार्क पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, छात्र और आमजन हाथों में तिरंगा लिए शामिल हुए। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर लोगों द्वारा पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह तथा मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री संजय राय उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि संजय राय ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्टूबर को पूर्ण हुई है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने कांग्रेस के सदस्य के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। आजादी के बाद देश 562 रियासतों में...

Azamgarh: दहेज हत्या में पति को आठ वर्ष की कैद, 19 हजार का अर्थदंड

आजमगढ़। दहेज हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति को आठ वर्ष सश्रम कारावास तथा 19 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं आरोपी ससुर को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला विशेष सत्र न्यायधीश रामनारायन ने बुधवार को सुनाया।दहेज हत्या के मामले में पति को आठ साल सश्रम कारावास व 19 हजार अर्थदंड मुकदमें के अनुसार वादी मुकदमा सीताराम निवासी कैथवलिया थाना सैदपुर जिला गाजीपुर की पौत्री पूजा का विवाह वर्ष 2015 में अमर राजभर पुत्र हरिहर निवासी पवनी खुर्द थाना मेहनगर जिला आजमगढ़ के साथ हुआ था। शादी में कम दहेज को लेकर ससुराल में पूजा का उत्पीड़न होने लगा। आए दिन उसे मारा पीटा जाता था। जब ससुराल वालों की मांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने 23 अक्टूबर 2017 को पूजा की जहर देकर हत्या कर दी गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने पति अमर तथा ससुर हरिहर के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अनिल सिंह तथा ओम प्रकाश सिंह ने वादी सीताराम समेत कुल चार गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अमर को राजभर को आठ वर्ष के कारावास तथा उन्नीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि आरोपी ससुर को हरिहर को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

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