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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच एवं मायरा (शाखा) का रक्तदान शिविर 15 को

 
पुरानी सब्जीमंडी, श्री मारवाड़ी धर्मशाला में सुबह नौ बजे से शुरू होगा रक्तदान शिविर

रक्तदान है महादान, जरूर करेंः अध्यक्ष प्रत्युष डालमिया

पूर्वांचल संवाद

आजमगढ़। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच आजमगढ़ एवं मायरा (शाखा) के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 15 अगस्त को नगर के पुरानी सब्जीमंडी स्थित श्री मारवाड़ी धर्मशाला में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया हैं। यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक सोनू जालान ने दी है। उन्होंने लोगों ने इस महादान के कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इसे सफल बनाने में अपना योगदान दें। बताया कि रक्तदान शिविर सुबह नौ बजे से शुरू होगा, जो शाम चार बजे तक चलेगा। ं

 अध्यक्ष प्रत्युष डालमिया ने कहा कि कहा कि रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। उन्होंने लोगों आह्वान किया कि रक्तदान महादान है, जरूर करें। इसी क्रम में सचिव साकेत शर्मा, श्वेता शर्मा, शिवानी शर्मा ने भी लोगों से रक्तदान करने का आह्वान किया। कहा कि रक्तदान एक जीवन प्रदान करने वाली गतिविधि है। यही वजह है कि इसे ‘महादान’ कहा जाता है। आपके रक्त की बूंद का हर कतरा किसी के जीवन का स्रोत बन सकता है। इसकी कमी की वजह से किसी की जान न जाए, इसके लिए अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच आजमगढ़ एवं मायरा (शाखा) की ओर से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है। फिर देर किस बात की है, हो जाइये तैयार, अपने रक्त से किसी की जान बचाने के लिए।

रक्तदान में 90 दिन का हो फासला

आजमगढ़। रक्तदान 18 से 60 वर्ष की आयु का कोई भी महिला या पुरुष कर सकता है। एक बार रक्तदान के बाद दूसरी बार रक्त देने के लिए 90 दिन का फासला होना जरूरी होता है।


ये हैं फायदे

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रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं।

इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

रक्तदान से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।

लिवर से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है।

आयरन की मात्रा को संतुलित करने से लिवर स्वस्थ बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।

रक्तदान के बाद शरीर में तेजी से नया रक्त बनता है।