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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Lucknow: अब मॉल, पार्क और रेस्टोरेंट में स्कूली यूनीफार्म में प्रवेश पर होगा प्रतिबंध

राज्य बाल संरक्षण आयोग ने सभी डीएम को दिए निर्देश

लखनऊ। स्कूल टाईम के दौरान अक्सर बच्चे क्लास बंक कर पार्क, मॉल या रेस्टोरेंट में अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने पहुंच जाते हैं, आजकल यह एक फैशन सा हो गया है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, उत्तर प्रदेश में स्कूल के समय में यूनिफार्म पहने स्टूडेंट्स को पार्क, मॉल या रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में नया नियम बनाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने स्कूल के समय बच्चे के पार्क या मॉल में घूमने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी व एसपी को चिट्ठी लिखी है। 

स्कूल के समय में यूनिफार्म पहने हुए विद्यार्थियों को पार्क, मॉल या रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह निर्देश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर दिया है। उन्होंने एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट भी मांगी है। डा. शुचिता चतुर्वेदी ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि स्कूल के समय में विद्यार्थी स्कूल न जाकर इधर-उधर घूमने चले जाते हैं। वे यूनिफार्म में पार्क, मॉल, रेस्टोरेंट या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर देखे जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है। लिहाजा स्कूल के समय में जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों पर छात्र-छात्राओं का यूनिफार्म में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। डा. शुचिता चतुर्वेदी ने पत्र में लिखा है कि कुछ बच्चे घर से तो स्कूल जाने के लिए निकलते हैं लेकिन वे स्कूल ना जाकर पार्क या मॉल में अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने लगते हैं। ऐसे बच्चे स्कूल की ड्रेस में मॉल, पार्क या रेस्टोरेंट में घूमते फिरते हैं और फिर छुट्टी के टाइम पर घर चले जाते हैं। उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कि इस तरह से बच्चों के साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि बच्चों को स्कूल ड्रेस में पार्क, मॉल, रेस्टोरेंट या किसी ऐसी जगह पर प्रतिबंधित किया जाए। डा. शुचिता चतुर्वेदी ने चिट्ठी में सभी जिलाधिकारियों को यह भी लिखा है कि इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई है उसके बारे में एक हफ्ते के भीतर आयोग को अवगत कराएं। बता दें कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास बच्चों के अधिकारों को लेकर खुद भी कार्रवाई का अधिकार है। इसके अलावा अगर कहीं बाल अधिकार का उल्लंघन होता है तो बाल अधिकार आयोग स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई भी कर सकता है।