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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Lucknow: सभी स्टेट यूनिवर्सिटी में अब समान एग्जाम फीस

बीए, बीएससी और बीकाम का शुल्क 800 रुपये तय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा शुल्क समान कर दिया गया है। विश्वविद्यालय अब बीए, बीएससी, बीकाम आदि कक्षाओं के लिए 800 रुपये परीक्षा शुल्क ले सकेंगे। शासन ने सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के बाद परीक्षा शुल्क तय करने के लिए छह सद स्यीय समिति का गठन किया था।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विश्वविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया। परीक्षा शुल्क पर निर्णय लेने के लिए शासन ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। विश्वविद्यालयों की ओर से शुल्क वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव समिति को दिए गए। उन पर चर्चा करने के बाद समिति ने रिपोर्ट शासन को सौंपी। इसमें कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के कारण सभी स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं को विषम व सम सेमेस्टर के क्रम में कम से कम वर्ष में दो बार कराया जाएगा। समिति की ओर से कहा गया कि विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए पेपर सेटिंग, पेपर प्रिंटिंग, उत्तर पुस्तिकाओं की प्रिंटिंग, प्रायोगिक परीक्षाएं, उड़ाका दलों का संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, परीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान और परीक्षा परिणाम तैयार करने में दोगुना खर्च आएगा। विश्वविद्यालय की आय का मुख्य स्रोत परीक्षा शुल्क है, जिसका अधिकांश हिस्सा परीक्षा संबंधी खर्चों पर व्यय होता है। विशेष सचिव मनोज कुमार की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि उच्च शिक्षा विभाग में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के तहत स्थापित विश्वविद्यालयों में परीक्षा शुल्क अलग-अलग है। अलग-अलग विश्वविद्यालयों के छात्रों का एक ही मद में अलग भुगतान सही नहीं है। इसलिए सभी राज्य विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमवार परीक्षा शुल्क अब समान कर दिया गया है।
राज्य विश्वविद्यालयों का परीक्षा शुल्क

पाठ्यक्रम : सेमेस्टर परीक्षा शुल्क

1. बीए, बीएससी, बीकाम, बीबीए, बीसीए, बीएफए, बीएड, बीपीएड, बीजेएमसी, बीवोक : 800

2. एलएलबी, बीएससी एग्रीकल्चर आनर्स, विधि आनर्स, बीटेक, बीएससी बायोटेक, बीलिब : 1000

3. बीडीएस, नर्सिंग, बीएएमएस, बीयूएनएस : 1500