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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Lucknow: यूपी में जायकेदार स्‍ट्रीट फूड को मिलेगी नई पहचान

ब्रांडिंग के लिए योगी सरकार ने बनाया ये प्‍लान

लखनऊ। योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने स्‍ट्रीट फूड की ब्रांडिंग के लिए प्‍लान बनाया है। ऑनलाइन प्‍लेटफार्म उपलब्‍ध कराने के साथ-साथ आयोजनों में स्‍टाल भी लगेंगे।योगी आदित्‍यनाथ सरकार स्ट्रीट फूड यानी फुटपाथ पर जायकेदार व्‍यंजन बनाने वालों के हुनर को पहचान दिलाएगी। इनके खाने, नाश्ते या फिर अन्य तरह के सामानों की ब्रांडिंग कराई जाएगी। इन्हें ऑनलाइन कारोबार का प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ ही बड़े आयोजनों में इनके स्टाल भी लगवाए जाएंगे। शहरों में स्ट्रीट फूड का बड़ा कारोबार है। नौकरी पेशा वाले हो या फिर कारोबारी, अधिकतर इनके सहारे रहते हैं। इनमें से कुछ स्ट्रीट फूड वाले तो ऐसे हैं कि जिनके द्वारा बनाए जाने वाले सामानों को खाने के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं। केंद्र सरकर ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू करते हुए ऐसे लोगों को ऋण देकर आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश में ऐसे आठ लाख दुकानदार हैं जो फुटपाथ और फेरी पर कारोबार करते हैं। केंद्र सरकार इनके उत्थान के लिए इन्हें हर स्तर पर सुविधा उपलब्ध कराना चाहती है, जिससे इनका कारोबार आगे बढ़ सके और इनका जीवन स्तर सुधर सके।

पहचान के बाद होगी ब्रांडिंग

फुटपाथ पर स्ट्रीट फूड बनाने वालों की क्या खासियत है इसकी पहचान कराई जाएगी। उनके सामानों को चिह्नित कराया जाएगा। यह पता लगाया जाएगा कि किसकी क्या खासियत है। इसके आधार पर उन्हें ऑनलाइन के साथ ही अन्य तरह के प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जाएंगे। नगर विकास विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। पहले चरण में ऑनलाइन प्लेटफार्म के साथ ही डिजिटली लेनदेन के बारे में जानकारियां दी जा रही हैं। अब दूसरे चरण में इनके उत्पादों की ब्रांडिंग कराते हुए उन्हें पहचान दिलाई जाएगी।

पंजीकरण वालों को मिलेगा फायदा

फेरी नीति के तहत निकायों में पंजीकरण कराने वालों या फिर पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण लेने वालों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा, जिससे इस योजना का मकसद सफल जो सके। इस योजना के दायरे में और भी ऐसे दुकानदारों को लाया जाएगा जो इस योजना में ऋण लेकर कारोबार बढ़ाना चाहते हैं।