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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

लखनऊ:मनीष चौहान होंगे ‌आजमगढ़ मंडल के नए आयुक्त

विजय विश्वास पंत भेजे गए प्रयागराज आयुक्त

लखनऊ। यूपी सरकार में ताबडतोड तबादलों का क्रम जारी है। इस क्रम में प्रदेश सरकार ने आयुक्त आजमगढ़ मंडल विजय विश्वास पंत को अब आयुक्त प्रयागराज मंडल बनाया गया है। निदेशक उद्योग मनीष चौहान उनके स्थान पर आयुक्त आजमगढ़ मंडल की जिम्मेदारी संभालेंगे।

  उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। शासन स्तर से हुए बड़े फेरबदल में आजमगढ़ मंडलायुक्त भी स्थानांतरित कर दिए गए हैं। मनीष चौहान अब आजमगढ़ मंडल के नए मंडलायुक्त होंगे। आयुक्त आजमगढ़ मंडल विजय विश्वास पंत को प्रयागराज मंडल का नया कमिश्नर बनाया गया है। उनके स्थान पर आजमगढ़ मंडल की कमान निदेशक उद्योग मनीष चौहान को दी गई है। मनीष चौहान पूर्व में आजमगढ़ के जिलाधिकारी का पदभार भी संभाल चुके हैं। राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों में प्रमुख पदों पर रह चुके जोधपुर निवासी मनीष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव भी रह चुके हैं। वे राजस्थान में डेप्यूटेशन पर अलग-अलग विभागों में तैनात रहे। जून 2020 में उत्तर प्रदेश लौटे।  मनीष राजस्थान में जोधपुर के रहने वाले हैं। इनके पिता सरकारी नौकरी में थे। प्रारंभिक शिक्षा भरतपुर में होने के बाद मनीष का चयन आईआईटी कानपुर में हुआ। वर्ष 1996 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद मनीष ने आईआईएम कोलकाता में प्रवेश लिया। वर्ष 1998 में एमबीए करने के दो वर्ष बाद उनका चयन भारतीय सिविल सेवा में हुआ। यूपी में इनकी पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट के रूप में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुई। जालौन, गाजीपुर, हमीरपुर, हरदोई, इटावा, आजमगढ़, झांसी, अलीगढ़, बरेली और लखीमपुर खीरी में डीएम रहे। वर्ष 2013 में मनीष डेप्यूटेशन पर राजस्थान चले गए। 2018 में वापस लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें अपने कार्यालय में सचिव के पद पर तैनात किया।